गुजरात दंगों में गुलबर्गा सोसाइटी हत्याकांड का फैसला आ गया। इसके दो बिंदु चौंकाने वाले हैं। न्यायाधीश पीबी देसाई ने लिखा है कि मरहूम पूर्व सांसद अहसान जाफरी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी सुरक्षा के लिए कभी फोन नहीं किया। इसके विपरीत उन्होंने खुद हाउसिंग सोसाइटी में इकठ्ठा भीड़ पर गोली चला कर उसे उत्तेजित किया, जिससे वह मरने-मारने पर उतारू हो गई। यही वह महत्त्वपूर्ण कारण है, जिसने अभियुक्तों को फांसी से बचाया है। अब तक जाफरी साहब की विधवा जकिया जाफरी और उनके साथीगण इस सच को सदा प्रयासपूर्वक छिपाते रहे हैं!
अजय मित्तल, खंदक, मेरठ</strong>
सफाई से आमदनी
‘स्वच्छ भारत अभियान’ में सहयोग देने के लिए हम अपने-अपने घर, चाल, झुग्गी, झोपड़पट्टी, परिसर, गली, नुक्कड़ और अपनी सोसाइटिओं को स्वच्छ रखें, तभी जानलेवा रोगों के जीवाणु पैदा नहीं होंगे। ऐसे में हम सबका कर्तव्य है कि हर प्रकार का कचरा घर में रखे कूड़ेदान में ही डालें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। पूरा देश स्वच्छ रहेगा तो विदेशी सैलानी भी बड़ी संख्या में आएंगे, जिससे हमें अच्छा-खासा आर्थिक लाभ होगा और हमारे देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ता रहेगा।
हंसराज भट, मुंबई</strong>