बिहार में इंटरमीडिएट परीक्षा में टॉपरों के ज्ञान के खुलासे के बाद जिस तरह प्रदेश का मखौल बन रहा है, वह बहुत अफसोसनाक है। पिछले साल भी बोर्ड परीक्षा में नकल के लिए चिट पहुंचाते अभिभावकों के फोटो ने पूरे देश में राज्य की थू-थू कराई थी। लेकिन सरकार ने पिछली गलतियों से कोई सबक नहीं लिया। टॉपरों के ज्ञान के स्तर से कहीं नहीं लगता कि वे इस स्थान के हकदार हैं। फिर वे टॉपर बने कैसे यह बहुत बड़ा सवाल है। इस तरह के कारनामों से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है। इसके लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए और भविष्य में ऐसी गलती न हो इस बात का पूरा खयाल रखना चाहिए। शिक्षा के दलालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि राज्य की इस तरह जग हंसाई न हो।

मो. तौहिद आलम, रामगढ़वा, बिहार</strong>