इक्कीसवीं सदी सौर ऊर्जा की ही रहेगी। आज सौर ऊर्जा का उपयोग कई उद्योग, मेट्रो रेल, स्ट्रीट लाइट, यातायात सिग्नल और घरों में प्रारंभ हो गया है। इसकी लागत कम होती है और कार्बन डाइऑक्साइड और राख का उत्सर्जन भी नहीं होता है। सौर ऊर्जा परियोजनाएं जहां पर्यावरण के स्वच्छ रहने और विकास के लिए आवश्यक है, वहीं पेट्रोल-डीजल की मांग को कम कर रही हैं। घर की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगा कर घर की बिजली पैदा कर अतिरिक्त बिजली का विक्रय भी किया जा सकता है। देश में कई स्थानों पर सौर ऊर्जा परियोजनाओं ने कार्य प्रारंभ कर दिया है और कई निमार्णाधीन हैं। व्यक्तिगत रूप से भी इसका उपयोग बढ़ाने की जरूरत है।
रामबाबू सोनी, इंदौर, मप्र