हर साल अप्रैल और मई में चलने वाली लू इस बार लगता है रास्ता भटक गई। जून के आखिरी सप्ताह की भीषण गर्मी ने दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और जम्मू तक लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं। गर्म हवाएं झुलसा रही हैं। दिल्ली में नब्बे वर्षों बाद जून आखिरी सप्ताह सबसे गर्म रहा। इसी तपती गर्मी के बीच भीषण बिजली कटौती भी लोगों की जानम निकाल रही है। शॉर्ट सर्किट से आग लगने की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। बीते दिनों अंबाला में कपड़े की होलसेल मार्केट में आग लग गई। गर्मी की वजह से बिजली की मांग बढ़ी है तो ट्रांसफार्मर फटने की घटनाओं में भी तेजी आ रही है। सोनीपत में बिजली कटौती के चलते पानी की किल्लत है जिसके खिलाफ महिलाओं ने ‘मटका फोड़’ प्रदर्शन भी किया। सरकार को गर्मी के जोखिमों से लोगों को बचाने के लिए मजबूत शमन नीतियां अपनानी होंगी। 2007 के रेड प्लस गठन को फिर से संज्ञान में लाना होगा ताकि वनों के उन्मूलन को नियंत्रित किया जा सके। बिजली संकट से निपटने के लिए राज्य सरकारों को भी हर पांच गांवों के बीच एक सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की जरूरत है।
’रितिक सविता, दिल्ली विवि, दिल्ली
भारत से कब मिटेगा मलेरिया
कभी चीन में मलेरिया के तीन करोड़ मामले हर साल आते थे। अब वह पिछले दो वर्षो में वह इस मामले में शून्य पर आ गया है। यही वजह है की पिछले हफ्ते विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन को पूरी तरह मलेरिया मुक्त राष्ट्र घोषित कर दिया। अब तक दुनिया में सिर्फ चालीस देश ही इस जानलेवा बीमारी से मुक्त हो पाए हैं। एशिया में ब्रुनेई, सिंगापुर और श्रीलंका के बाद चीन चौथा देश बन गया है जहां अब मलेरिया के परजीवी शून्य हो गए हैं। क्या भारत भी ऐसा कर पायेगा? आज के हालात देखते हुए तो लगता नहीं कि अगले दस वर्षों में भी ऐसा हो पाएगा। क्योंकि स्वास्थ्य देखभाल एवं शोध में हमारा बजट बहुत ही कम है। भारत इस समय वैसे ही कोरोना से जूझने में अपना ऊर्जा लगा रहा है।
’जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी, जमशेदपुर