पेगासस मामले में जिस प्रकार सरकार किसी भी जासूसी के होने से इनकार कर रही है, वह सरकार को ही एक तरह से कठघरे में खड़ा करता है। जिस तरह मामला उठा है, उसमें बिना जांच के यह नहीं कहा जा सकता कि जासूसी हुई है या नहीं। सरकार के जिद पर अड़े रहने से संसद में भी कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है। इसलिए सरकार को इस मामले में एक स्वतंत्र जांच बैठानी चाहिए, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और सच्चाई लोगों के सामने आ सके, क्योंकि इस मामले में लोगों के भीतर शक बढ़ता जा रहा है।
-नवीन थिरानी,
नोहर, राजस्थान