जैसे ही सरकार ने नई सेना भर्ती की घोषणा की, फिर से देश में विवाद शुरू हो गया। विपक्ष ने युवाओं के कान में हलके से फूंक मार दी और नतीजा विरोध प्रदर्शन के रूप में सामने आया। हालांकि जो युवा पिछले दो वर्ष से भर्ती की प्रतीक्षा में हैं और निरंतर प्रयास कर रहे हैं, उनकी नाराजगी कहीं न कहीं जायज है। मगर फिर भी जिस योजना को लाने में सरकार और सेना के उच्च अधिकारियों ने कड़ी मेहनत और बड़ा होमवर्क किया है, उसे अभ्यर्थियों को पहले ठीक से जान-समझ लेना चाहिए।
सरकार की भी जिम्मेदारी बनती है कि यथाशीघ्र अपनी इस नई भर्ती योजना के सकारात्मक पहलू इन युवा अभ्यर्थियों को समझाए और साथ ही पिछले दो-तीन वर्षों से मेहनत कर रहे अभ्यर्थियों को भी ध्यान में रख कर कोई निर्णय करे। जल्दी से जल्दी इस योजना का सकारात्मक पक्ष यदि सरकार समझा पाए तो यह नया विवाद शायद खतम हो।
मनोज, मेरठ</strong>