आज के समय में जब कोई भी आनलाइन प्लेटफार्म पर कुछ भी देखता है तो उससे संबंधित सब चीजों का विज्ञापन उसके सभी सोशल वेबसाइट खातों पर आने लगते हैं। अगर एंड्रॉयड मोबाइल फोन में कोई भी दिक्कत आती है तो उसे ठीक करने के लिए ग्राहक सेवा केंद्र वाले उन उपभोक्ताओं से अनुमति लेकर उस फोन को वहीं से संचालित करके फोन की दिक्कत को दूर कर देता है।
अब जब दूर से ही फोन को चला कर उसे सुधारा जा सकता है तो फिर क्या किसी का फोन हैक करके उसकी सभी निजी जानकारी को किसी तरह निकाल कर व्यक्ति को ब्लैकमेल नहीं किया जा सकता है या कोई अन्य इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है?
अब पेगासस सॉफ्टवेयर से भारत समेत दुनिया भर के कई हस्तियों का फोन हैक करने का मामला सामने आया है, तब कुछ देश इसकी जांच करा रहे हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति ने तो अपना फोन बदल लिया और जांच समिति भी बिठा दी है। जबकि भारत में कुछ न्यायिक उच्चाधिकारियों, बड़े नेताओं और पत्रकारों के भी नाम आने के बाद भी कोई जांच का फैसला नहीं लिया गया है। यह निजता के खिलाफ है। सरकार लोगों की निजता की जासूसी के लिए हुई इस तरह की घटना की बिना भेदभाव के जांच करवानी चाहिए।
’गोलू सौंदर्य, आजमगढ़ उप्र