आजकल हम लोग देख रहे हैं कि किसी भी विवाह या सामाजिक उत्सव आयोजन में लोग केले के पत्ते या फिर प्रकृति से मिली चीजों का व्यवहार नहीं करते, लेकिन हाल के अध्ययन के मुताबिक यह सामने आया है कि केले के पत्ते पर खाने से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कायम रहती है और कई तरह के फायदे होते हैं। लेकिन आजकल कई सारे छोटे-बड़े आयोजन में खाना परोसने के लिए प्लास्टिक या फिर थर्मोकोल से बनी प्लेटें ज्यादातर लोग इस्तेमाल करते हैं। इसकी वजह से हमारी स्वास्थ्य में रसायन प्रवेश कर सकते हैं और इसी से आखिर में पेट दर्द और यहां तक कि कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है। थर्मोकोल या प्लास्टिक प्लेटें औद्योगिक इकाइयों और कारखानों में रासायनिक पद्धति के माध्यम से बनाए जाते हैं। व्यवसाय को नजर में रखते हुए इन सभी कंपनियों ने आम लोगों की स्वास्थ्य पर एक बड़ा खतरा खड़ा कर दिया है। दूसरी तरफ दक्षिण भारत में ज्यादातर लोग सामाजिक आयोजन में खाना केले के पत्ते में ही देते है, इसलिए हमें केले के पत्ते या फिर प्रकृति से मिली चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए और उसके प्रयोग को बढ़ाना चाहिए, ताकि हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण में कोई भी बाधाएं नहीं आ पाए।
’चंदन कुमार नाथ, गुवाहाटी, असम
बदहाली के बीच
कोरोना संक्रमण के चलते चारों ओर हर कोई परेशान नजर आता है। आम से लेकर खास व्यक्ति सभी इससे निजात के लिए ईश्वर से प्रार्थना व दुआएं कर रहे हैं। आर्थिक बदहाली के दौर में घर चलाना दूभर हो गया है। पीड़ित का इलाज कराएं या बच्चों की परवरिश करें। मीडिया चैनलों पर अनावश्यक आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। जमीनी सच्चाई से कोसों दूर के जिम्मेदार लोग क्या आम लोगों की समस्याओं को समझ सके? केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों से विद्यालय बंद होने के बावजूद भी फीस वसूल की जा रही है। क्या जिम्मेदारों को यह नजर आता है? सरकार इस पर ध्यान दें व राहत दे।
’सज्जाद अहमद कुरेशी, शाजापुर, मप्र
ट्रम्प की मुश्किल
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ने सत्ता में रहते हुए जो अपराध किए थे, लगता है उसके लिए जांच का काम शुरू हो चुका है। पिछले दो दिन में उनके खिलाफ दो बड़े फैसले सामने आए। पहला न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल द्वारा ट्रंप आॅर्गनाइजेशन में उनकी जांच को अब आपराधिक दायरा दे दिया है। यह पहले दीवानी मामला था। दूसरा, वहां के प्रतिनिधि सभा ने संसद भवन में किए गए हमले के लिए स्वतंत्र आयोग बनाने का फैसला किया है। इन दोनों स्थितियों से मामला आगे बढ़ने से उम्मीद बंधती है, क्योंकि सत्ता से बाहर रह कर भी पार्टी के भीतर उनकी मनमानियां यथावत चल रही थीं। अब लगता उनके किए की सजा उन्हें मिलेगी।
’जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी, जमशेदपुर