एक समय था जब भारतीय हाकी टीम इतना तेज खेलती थी कि विपक्षी टीम हमारे सामने खेलने से घबराती थी। ओलिंपिक हो या विश्व कप, हम हमेशा आगे रहे, मगर फिर ऐसा बुरा वक्त आया कि हमारा स्तर नीचे चला गया। अब फिर हम अपनी खोई प्रतिष्ठा हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। एशिया कप में हमने कांस्य पदक जीता। दक्षिण कोरिया से भी हमारी टीम ने जबरदस्त खेला। हालांकि अंतिम समय की कमजोरी अब भी बनी हुई है, जो हमें भारी पड़ जाती है। ओलिंपिक में भी हमने कांस्य पदक जीता। हाकी टीम अब लाजवाब प्रदर्शन कर रही है और खेल प्रेमियों का ध्यान खींच रही है। जरूरत है, क्रिकेट से हटकर थोड़ा ध्यान हाकी पर भी देने की।
साजिद अली, इंदौर</strong>