मानसून सत्र के दौरान एक दिन भी संसद सुचारु रूप से नहीं चल पा रहा है। अभी देश में कोरोना महामारी, टीकाकरण, किसान आंदोलन, गरीबी और बेरोजगारी आदि कई अहम मुद्दे हैं, लेकिन संसद में सिर्फ हंगामा के द्वारा जनता का ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश हो रही है। मानसून सत्र के पहले दिन से विपक्षी दल पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए जासूसी कांड को लेकर हंगामा कर रहे हैं, अब सरकार भी इस पर चर्चा के लिए तैयार हो गई है। आम जनता पेगासस सॉफ्टवेयर के बारे में कुछ नहीं जानती है।
आज देश करोना महामारी की तीसरी लहर के मुहाने पर खड़ा है। देश में कोरोना टीके की किल्लत महसूस हो रही है। कमी की वजह से अनेक टीकाकरण केंद्र बंद हो चुके हैं। यह एक आश्चर्यजनक विषय है कि क्यों कोरोना टीकाकरण के विषय में पक्ष और विपक्ष कोई भी एक शब्द नही बोल रहा है? क्या आम जनता की जिंदगी से बढ़कर की कोई मुद्दा हो सकता है? अभी तक आमजनों को यह भरोसा था कि राज्यसभा के सदस्य अधिक अनुशासित रहते हैं, लेकिन इस सत्र के दौरान लोगों का यह भ्रम टूट गया। राज्यसभा भी हंगामे की भेंट चढ़ता रहा। संसद की कार्यवाही में जनता के करोड़ों रुपए की बर्बादी हो रही है।
’हिमांशु शेखर, गया, बिहार</p>