महामारी ने सभी के जीवन को पटरी से उतार दिया है। इसमें विद्यार्थियों की पढ़ाई का खासा नुकसान पहुंचा है। खासकर उनका जो इस समय अपनी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे हुए हैं। उन विद्यार्थियों में इस समय असमंजस की स्थिति है कि उनकी बोर्ड परीक्षाएं होंगी भी या नहीं। इस मसले पर उच्च स्तरीय बैठक इसलिए बुलाई गई थी कि परीक्षाओं की तारीखों पर फैसला लिया जा सके। लेकिन फिर से एक जून तक के लिए टाल दिया गया।
हालात यह है कि कुछ राज्य इसके पक्ष में दिख रहे हैं तो कुछ इसके विपक्ष में। ऐसे में सवाल उन विद्यार्थियों के भविष्य के बारे में है, जिन्होंने बोर्ड परीक्षाओं के लिए दिन-रात मेहनत की थी। महामारी की मार एक बार फिर उन विद्यार्थियों की मेहनत पर पानी फैरती नजर आ रही है। इस बात को लेकर के काफी विद्यार्थियों में निराशा के अलावा आक्रोश की भी स्थिति है। जिन विद्यार्थियों ने अपनी बोर्ड परीक्षाओं की जी-जान से तैयारियां की थी, अब उन विद्यार्थियों का कहना है कि हर विद्यार्थी मेहनत के बलबूते ही अंक दिए जाने चाहिए।
ऐसे में एक ओर बच्चों को कोरोना से बचाना और दूसरी ओर परीक्षाओं की समस्या को हल करना सरकार के लिए चुनौती से कम नहीं है। हालांकि परीक्षाओं के लिए केंद्र सरकार ने दो प्रस्ताव भी राज्यों के सामने रखे हैं, जिस पर निर्णय अभी बाकी है। अब ऐसे समय में ध्यान रखने वाली बात यह है कि कोई भी निर्णय ऐसा नहीं लिया जाए, जिससे विद्यार्थियों की मेहनत पर पानी फिर जाए।
’अंकिता मिश्रा, फरीदाबाद, हरियाणा