गाजापट्टी में इजराइल और हमास के बीच ग्यारह दिनों की लड़ाई के बाद युद्ध विराम हो चुका है। इस बीच तीसरे विश्व युद्ध की आशंकाओं से सारी दुनिया चिंता में थी। लेकिन युद्ध विराम के बाद पूरी दुनिया ने राहत की सांस ली। गाजापट्टी में हमास के नकाबपोश लोग इस युद्धविराम को भारी वाहनों में भरी हुई मिसाइलों और अन्य हथियारों के साथ अपनी जीत के रूप में मनाया। हजारों लोग इस उत्सव में शामिल हुए।

यह इजरायल को भड़काने के अलावा और कुछ नहीं है, जो हमास से बहुत शक्तिशाली है। हालांकि यह भी सही है कि इजरायल ने फिलस्तीन के नागरिक इलाकों पर हमला करके आम नागरिकों को मार डाला। इसके अलावा, हमास के लोग भी मारे गए। फिलस्तीन की इमारतों और अन्य संपत्तियों के साथ ही एक बड़ी सुरंग को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। जो हो, अब आगे के लिए यह अच्छा हुआ कि इजराइल और हमास के बीच युद्ध विराम हो गया। वरना दोतरफा युद्धोन्माद में पता नहीं कितने निर्दोष लोगों की जान जाती और इससे कोई हल नहीं निकलता। बेहतर हो कि विश्व समुदाय इस मसले का कोई स्थायी समाधान निकाले, जिसमें किसी के साथ अन्याय नहीं हो।
’नरेंद्र कुमार शर्मा, जोगिंदर नगर, हिप्र

मनुष्य के लिए
पिछले दिनों नीदरलैंड की अदालत ने तेल कंपनी ‘शेल’ को आदेश दिया कि वह 2030 तक कार्बन उत्सर्जन की मात्रा को पैंतालीस फीसद तक कम करे। जबकि कंपनी ने सिर्फ बीस फीसद कम करने की अपील की थी। उधर आस्ट्रेलिया की एक छात्रा ने कोयला खदान को लेकर सरकार को अदालत में घसीटा है। इसी तरह कुछ समय पहले स्वीडन की किशोरी ग्रेटा थनबर्ग ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प को विश्व आर्थिक मंच के एक मीटिंग में जलवायु को लेकर उनकी बोलती बंद कर दी थी, जिसकी चारों तरफ प्रशंसा हुई थी। वाकई जलवायु हमारे लिए जीवन मरण का विषय है। इसे लेकर हर स्तर पर पहल करना होगा, ताकि मनुष्य का जीवन सुरक्षित किया जा सके। प्रकृति के साथ खिलवाड़, धरती पर से जीवनलीला को समाप्त कर देगी। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि किसी भी वजह से नाहक अगर किसी एक मनुष्य की जान जाती है तो यह मानवता के विरुद्ध एक बड़ा अपराध है।
’जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी, झारखंड</p>