म्यांमा में एक तरफ जनता का विरोध प्रदर्शन जारी है तो दूसरी तरफ सेना भी संहार में पीछे नहीं है। अब प्रदर्शनकारियों के साथ बच्चों को निशाना बनाए जाने की खबर आ रही है जो चिंताजनक है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष अपनी भूमिका निभाए और गोलियों के शिकार हो रहे बच्चों को बचाए। म्यांमा में लोगों का प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जारी है।
जनता प्रदर्शन के जरिए अपना हक मांग रही है तो सैन्य प्रशासन हिंसा के जरिए उन में भय पैदा करने पर आमादा है। जनता और सैन्य प्रशासन की लड़ाई के बीच अबोध बच्चे पीस रहे हैं। बच्चों पर बल प्रयोग अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है। संयुक्त राष्ट्र इस मामले में आगे आए और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, वहीं इस कृत्य के लिए सैनिक प्रशासन को कड़ा सबक सिखाए, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
’अमृतलाल मारू ‘रवि’, दसई, धार, मप्र