ब्रिटेन के टोरी संसद टोबियास मार्टिन एलवुड वहां की रक्षा समिति में शामिल हैं। हाल ही में उन्होंने इस समिति की तरफ से कहा है कि अफगानिस्तान से ब्रिटेन की वापसी ब्रिटेन के लिए ‘एक काला अध्याय’ था। इसके लिए उन्होंने तुरंत प्रभाव से ईमानदार जांच करने की मांग ब्रिटिश सरकार से की। एलवुड खुद उस पार्टी से आते हैं, जिनकी सरकार ने अमेरिका के साथ मिलकर अफगानिस्तान को बीच मझधार में छोड़कर भागने के निर्णय लिया था। इस तरह का सवाल अमेरिका के रिपब्लिकन पार्टी को भी उठाना चाहिए था वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन के खिलाफ। मगर उन लोगों ने ऐसा इसलिए नहीं किया, क्योंकि अफगानिस्तान से पलायन की सारी पृष्ठभूमि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा तैयार कर ली गई थी।
अगर जांच सही तरीके से की जाएगी तो यह साबित हो जाएगा कि अमेरिका और ब्रिटेन समेत तमाम पश्चिमी देशों ने तालिबान के साथ सांठगांठ करके उस देश को उनके हवाले कर दिया। लाखों अफगान लोगों की जान को मुसीबत में डाल दिया।
वहां की महिलाओं को पाषाण युग में धकेलने का काम वैसे तो तालिबान ने किया है, लेकिन उसके बाद इन पश्चिमी देशों का भी हाथ है। आखिर क्या कारण है कि जब तालिबान काबुल की तरफ बढ़ रहे थे किसी ने कोई प्रतिरोध नहीं किया? ऐसा लग रहा था कि तालिबान का पूरा देश फूल मालाओं से स्वागत कर रहा है। क्या इस सबके पीछे किसी तरह की साजिश छिपी है?
- जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी, जमशेदपुर