उड़ी की आतंकी घटना के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान तिलमिला उठा है। लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद ने कहा कि ‘सर्जिकल सट्राइक’ क्या होता है, यह भारत को हम बताएंगे। इसलिए भारत को इस मामले में पूरी तरह सतर्क रहना चाहिए।  सब जानते हैं कि चीन पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति सिर्फ पैसे के लिए नहीं कर रहा है, बल्कि वह पाकिस्तान के सैन्य बलों को भारत के खिलाफ मजबूत करना चाहता है। यह भी गौर करने वाली बात है कि उधर रूस पाकिस्तान में अपना साझा सैन्य अभ्यास शुरू करने जा रहा है। एक ऐसे समय में रूस का यह फैसला आया है जब दुनिया आतंकवाद के खिलाफ एकमत है, जिसका गढ़ पाकिस्तान है। सभी इस बात से वाकिफ हैं कि आतंकवाद पाक में ही जन्म लेता है और वहीं फलता-फूलता है। इस दृष्टि से रूस का पाकिस्तान में सैन्य अभ्यास का फैसला नासमझी ही कही जा सकती है।
इतिहास में पहली बार वह (रूस) पाकिस्तान के साथ साझा सैन्य अभ्यास कर रहा है। रूस के पाकिस्तान की तरफ झुकाव की वजह कहीं न कहीं भारत का अमेरिका की तरफ झुकाव है। समझदारी और चतुराई इसी में है कि भारत अमेरिका को विश्वास में लेकर चले और उसके साथ संबंधों में और बेहतरी के प्रयास करे।
’प्रियंका सिंह ‘सुंदरम’, जौनपुर