खाद्य सुरक्षा का अर्थ है सभी को पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक भोजन मिले। संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में सतत विकास लक्ष्य को निर्धारित किया था जिसमें सत्रह प्रमुख लक्ष्य रखे गए हैं और साल 2030 तक इनको हासिल करना है। इनमें सबसे प्रमुख लक्ष्य है पूरे विश्व में भुखमरी का एकदम खात्मा, यानी इसे शून्य फीसद तक ले आना है।
भारत सरकार ने 16 अक्तूबर 2017 को “जीरो हंगर” कार्यक्रम शुरू किया था, लेकिन भारत में खाद्य असुरक्षा की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। पिछले साल एक सौ सत्रह देशों के वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत का स्थान एक सौ दो वां था। खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में बयासी करोड़ और भारत में लगभग बीस करोड़ लोग भुखमरी से ग्रस्त है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार लगभग दस लाख बच्चे हर साल कुपोषण से मर जाते हैं।
यह दर विश्व में सबसे ज्यादा है। अगर कुपोषण और भुखमरी की समस्या से निपटना है तो खाद्य सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना होगा। भारत में वर्तमान में खाद्य सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक है। कहने को भारत कृषि प्रधान देश है, परंतु अगर एनएसएसओ की रिपोर्ट पर गौर करें तो 2001 से लेकर 2011 के बीच लगभग नब्बे लाख किसानों ने भारत में कृषि का काम छोड़ दिया था, क्योंकि कृषि अब उनके लिए लाभकारी नहीं है। ऐसे में कैसे हम खाद्य सुरक्षा को मजबूत बना पाएंगे?
’ऋषि कुमार, प्रयागराज (उप्र)