कोविड-19 के चलते अभी तक स्कूल-कॉलेज और दूसरी शिक्षा संस्थाओं में बच्चों के आने पर कमोबेश प्रतिबंध है। अब धीरे-धीरे बीमारी के मामले में गिरावट आ रही है और अब यह शायद अंतिम दौर पर चल रहा है। देखा यह गया है कि आनलाइन शिक्षा से छोटे से लेकर बड़े बच्चों की आंख, नाक और दिमाग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

पहले बच्चे अपने मित्र से मिलते थे, रिश्तेदारों के यहां घूमने जाते और आते थे, लेकिन अब प्रत्येक माता-पिता अपने बच्चों को किसी के यहां भेजने के लिए तैयार नहीं है। इस प्रकार का खौफ अब माता-पिता, अभिभावकों और बच्चों को परेशान कर रहा है। स्कूल बंद होने के कारण बच्चे अब सुबह के समय घूमने भी नहीं जाते और न ही वे खेलकूद में भाग लेते हैं।

इस तरह से स्कूल-कॉलेजों में भी लंबे समय से कक्षाएं नहीं हो रही हैं। कॉलेज और स्कूलों में प्रतिबंध होने के कारण नहीं आ-जा पाने की वजह से अब बच्चों और युवाओं के अंदर चिड़चिड़ापन आना भी शुरू हो गया है। यों सरकार की ओर से योग कक्षाएं भी आनलाइन चलाई जा रही हैं, लेकिन उसकी समय-सारणी नहीं बनी हुई है।

योग की कक्षाएं सुबह के समय होनी चाहिए, लेकिन अधिकतर स्कूलों में यह बारह बजे दिन के बाद होती और कई बार पांच बजे शाम को भी होती है। इस तरह से बदलते हुए दौर में शिक्षा के क्षेत्र में भी हो रही तब्दीली का असर देखा जा सकता है।
’विजय कुमार धनिया, नई दिल्ली</p>