विश्व बैंक के एक्सक्यूटिव डारेक्टर बोर्ड ने 150 मिलियन अमरीकी डॉलर लोन भारत के पंजाब राज्य सरकार को देने की मंजूरी दे दी है। विश्व बैंक की ओर से एक बयान में कहा गया कि वह अलग-अलग सरकारी विभागों की संस्थागत क्षमताओं को मजबूत करने, फाइनेसियल रिस्क को मैनेज करने और सतत विकास के लिए काम कर रहा है और आवश्यकता के आधार पर लोन देता है।
विश्व बैंक के निदेशक मंडल की ओर से 150 मिलियन अमरीकी डॉलर लोन की मंजूरी राज्य को अपने वित्तीय जरूरतों को पूरा करने और सभी लोगों तक सुविधाओं में सुधार करने के लिए दी गई है। वर्ल्ड बैंक ने बयान में कहा कि पंजाब की ग्रोथ क्षमता से कम रही है। इसलिए राजकोषीय चुनौतियों और संस्थागत क्षमता बाधाओं से निपटने के लिए दुर्लभ संसाधन विकास की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर लोन की अनुमति दी गई है।
विश्व बैंक ने अपने बयान में यह भी कहा कि नए कानूनी और नीतिगत सुधारों के राज्यव्यापी कार्यान्वयन का समर्थन करके सार्वजनिक खरीद प्रणालियों में जवाबदेही बढ़ाने के अलावा, नई परियोजनाएं योजना, बजट और निगरानी कार्यों को मजबूत करके और डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर राज्य के विकास लक्ष्यों का समर्थन करेंगी।
विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर अगस्टे तानो कौमे ने कहा कि विश्व बैंक समय पर, लागत प्रभावी और अच्छी गुणवत्ता वाली सार्वजनिक सेवाएं देने के राज्य के प्रयास में पंजाब राज्य का भागीदार बनकर खुश है, जो समावेशी विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यह नई परियोजना राज्य की नई डेटा पॉलिसी के कार्य को समर्थन करेगी, जिसका टारगेट सामाजिक सुरक्षा पहलों को एक साथ लाना और आवश्यक सेवाओं का लाभ देते हुए संभावित रिसाव को कम करना है।
ANI की एक रिपोर्ट के अनुसार, बर्ल्ड बैंक ने बयान में कहा कि 150 मिलियन अमरीकी डॉलर के कर्ज की परिपक्वता अवधि 15 साल है, जिसमें 6 महीने की छूट अवधि भी शामिल है। इस लोन पर विश्व बैंक ब्याज भी वसूल करेगा। इस लोन की राशि से जल वितरण प्रणाली में सुधार किया जाएगा और पानी के रिसाव को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इन पायलटों की सफलता से राज्य-व्यापी स्तर पर बेहतर सेवा वितरण के लिए एक महत्वपूर्ण क्षमता की पेशकश की उम्मीद है।