Income Tax Refund: आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की 16 सितंबर की समय सीमा समाप्त होने के साथ, लाखों टैक्सपेयर्स अपने रिफंड का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कई लोग सोच रहे हैं कि क्या आयकर विभाग बड़ी राशि जैसे ( 50,000 रुपये से अधिक) के मामले में रिफंड की प्रक्रिया में देरी करता है।
आयकर नियमों के अनुसार, रिफंड की कोई ऊपरी सीमा नहीं है। चाहे आपका रिफंड 10,000 रुपये हो, 1 लाख रुपये हो या उससे भी अधिक, यह उसी तरह जमा किया जाएगा। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि बड़ी राशि वाले रिफंड के लिए विभाग द्वारा अतिरिक्त जांच की जरूरत हो सकती है, जिस वजह से प्रक्रिया में थोड़ी देरी हो सकती है।
क्यों होती है ITR रिफंड में देरी?
– PAN, आधार या बैंक डिटेल्स में गलत होने पर रिफंड रुक सकता है।
– गलत IFSC कोड या बंद खाता है तो विभाग को रिफंड भेजने में दिक्कत आ सकती है।
– अगर आपके फॉर्म 26AS या AIS में दिए गए डाटा और रिटर्न में फर्क होने पर रिफंड होल्ड हो सकता है।
– अगर आपका बैंक खाता पहले से वैलिडेट नहीं है तो रिफंड प्रोसेस नहीं होगा।
रिफंड प्राप्त करने में कितना समय लगता है?
आयकर विभाग के मुताबिक, आम तौर पर, आपके ITR के ई-सत्यापन के 2 से 5 हफ्ते के भीतर रिफंड आपके बैंक खाते में जमा हो जाता है।
जल्दी ITR फाइल करने के फायदे
जिन लोगों ने लास्ट डेट के कई हफ्तों पहले अपना रिटर्न फाइल किया है, उनका ई-वेरीफिकेशन कुछ ही घंटों में पूरा हो गया और आईटीआर संसाधित हो गया और उसी दिन रिफंड जारी कर दिया गया।
हालांकि, जिन लोगों ने आखिरी दिन या उससे एक दिन पहले, यानी 15 या 16 सितंबर को अपना रिटर्न फाइल किया था, उनके लिए कहानी थोड़ी अलग थी। उस समय ई-फाइलिंग पोर्टल ओवरलोड था, जिसके परिणामस्वरूप ई-वेरीफिकेशन में 24 से 48 घंटे लग गए और प्रक्रिया धीमी रही।
ऐसे करें रिफंड स्टेटस चेक
– सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट http://www.incometax.gov.in पर जाएं।
– अब यह पर लॉगिन करें।
– इसके बाद e-File टैब पर क्लिक करें।
– वहां से View Filed Returns ऑप्शन चुनें।
– अब आपकी स्क्रीन पर चुने गए असेसमेंट ईयर (Assessment Year) का रिफंड स्टेटस दिखाई देगा।