आप अकसर ही दुनिया, भारत और एशिया के सबसे रईस इंसान के बारे में खबरों में सुनते-पढ़ते रहते होंगे। हाल ही में हमने आपको दिल्ली, अहमदाबाद, लखनऊ के सबसे अमीर लोगों के बारे में जानकारी दी थी। आज हम आपको बताएंगे बिहार की राजधानी पटना के सबसे अमीर शख्स के बारे में। हो सकता है कि आपने खबरों में इनके बारे में सुना हो। चलिए आपको बताते हैं पटना के सबसे रईस इंसान अनिल अग्रवाल के बारे में जो देश के बड़े और जाने-माने Vendata ग्रुप के मालिक हैं।

अनिल अग्रवाल कौन है: Who is Anil Agarwal?

24 जनवरी 1954 को अनिल अग्रवाल का जन्म बिहार के पटना के एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था। उन्होंने पटना से निकलकर कामयाबी की नई सीढ़ियां चढ़ीं और भारत के सबसे धनी व प्रभावशाली बिजनेसमैन तक का सफर तय किया। पैसे की तंगी होने के बावजूद उनकी पढ़ाई-लिखाई पटना के Miller School से हुई। ज्ञान और लगन के प्रति उनके लगाव ने उन्हें हर पल आगे बढ़ाया।

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वेदांता की शुरुआत
अनिल अग्रवाल के कारोबारी सफर की शुरुआत 1970 के मिड में स्क्रैप मेटल में ट्रेडिंग के साथ हुई। 1976 में उन्होंने Vendanta Limited की नींव रखी और मेटल स्क्रैप ट्रेडिंग में शुरुआत की। कुछ ही सालों में वेदांता एक बड़ी कंपनी में बदल गई और अनिल अग्रवाल को ‘मेटल किंग’ कहा जाने लगा।

उपलब्धियां
1986 में अनिल अग्रवाल ने मैन्युफैक्चरिंग में कदम रखा और Sterlite Industries की शुरुआत की। यह कंपनी जेली-फिल्ड केबल बनाती है। 1993 में स्टरलाइट देश की पहली प्राइवेट-सेक्टर कॉपर स्मेल्टर और रिफाइनरी बन गई। 2011 में अनिल अग्रवाल की जिंदगी में उस समय बड़ा पड़ाव आया जब उन्होंने BALCO (Bharat Aluminium Company) में कंट्रोलिंग स्टेक खरीदा और बाद में Hindustan Zinc Limited (HZL) में भी हिस्सेदार बने। इन दोनों अधिग्रहण ने ऐल्युमिनियम और ज़िक सेक्टर्स में उनके प्रभुत्व को और मजबूत किया।

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देश ही नहीं अनिल अग्रवाल ने विदेश में भी अपना कारोबार फैलाया। उन्होंने साल 2003 में लंदन में Vedanta Resources Limited की स्थापना की और लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर भारत से लिस्ट होने वाली सबसे बड़ी नॉन-फेरस मेटल (non-ferrous metals) और माइनिंग कंपनी बनी।

संघर्ष और लगन
अनिल अग्रवाल ने अपने जीवन के शुरुआती दौर में काफी संघर्ष झेला। कम उम्र में ही उन्होंने कुछ जरूरी सामान लेकर घर छोड़ा और अपने सपनों को पंख देने के लिए मुंबई जा पहुंचे। शुरुआत में 9 कंपनियों में कई असफलताओं के बाद आखिरकार उन्हें अपने 10वें वेंचर के साथ केबल प्रोडक्शन में कामयाबी मिली और इसीके साथ वेदांता की शुरुआत के लिए भी रास्ता बन गया।

जब खूब बढ़ी कमाई और आया छप्परफाड़ पैसा
2021-2022 तक Vedanta का टर्नओवर 1,31,192 करोड़ रुपये पहुंच गया था। और मार्केट में कंपनी ने अपनी पैठ काफी मजबूत कर ली। फोर्ब्स के मुताबिक, अनिल अग्रवाल की नेट वर्थ 2024 में 14,790 करोड़ रुपये है। उनकी कमाई के सबसे बड़े सोर्स Vedanta Resounces and Anglo American में उनकी हिस्सेदारी है। यह यूके की एक प्रतिष्ठित माइनिंग कंपनी है।

निजी जीवन
अनिल अग्रवाल का विवाह किरन अग्रवाल से हुआ है। दोनों के दो बच्चे- अग्निवेश और प्रिया हैं। अग्निवेश Hindustan Zinc के चेयरमैन पद पर हैं जबकि प्रिया एक PR प्रोफेशनल हैं। कामयाब होने के बावजूद अनिल अग्रवाल अभी भी बिजनेस में एक्टिव रहते हैं। वेदांता फाउंडेशन के जरिए वह जमकर चैरिटी भी करते हैं और एजुकेशन, हेल्थकेयर व स्किल डिवेलपमेंट जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।