अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) ने अपने पद से रिजाइन देने का ऐलान किया है। वह अपने पद से रिजाइन देकर अपने अकादमिक करियर में वापसी कर रही हैं। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इकोनॉमी की प्रोफेसर के रूप में फिर से शामिल हो रही हैं।

X (Twitter) पोस्ट के जरिए दी जानकारी

IMF के इतिहास में पहली महिला मुख्य अर्थशास्त्री गोपीनाथ ने X पर एक पोस्ट में कहा, ‘IMF में लगभग 7 वर्षों के बाद, मैंने अपनी एकेडमिक रूट्स की ओर लौटने का फैसला किया है।’

भारतीय मूल की यह अर्थशास्त्री अगस्त में आईएमएफ में अपने पद से इस्तीफा देंगी और 1 सितंबर को हार्वर्ड अर्थशास्त्र विभाग में अर्थशास्त्र की प्रथम ग्रेगरी और एनिया कॉफी प्रोफेसर के रूप में फिर से शामिल होंगी।

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कौन हैं Gita Gopinath?

गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) एक भारतीय-अमेरिकी इकोनॉमिस्ट हैं, 21 जनवरी, 2022 से IMF में पहली डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में कार्यरत हैं। गोपीनाथ का जन्म साल 1971 में कोलकाता में हुआ था। उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स और दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने प्रिंसटन विश्वविद्यालय से PHD की उपाधि प्राप्त की।

गीता गोपीनाथ कब हुई आईएमएफ में शामिल?

साल 2019 में गीता गोपीनाथ आईएमएफ में शामिल हुईं। गोपीनाथ को जनवरी 2022 में उन्हें प्रथम डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर पदोन्नत किया गया। गोपीनाथ आईएमएफ में शामिल होने से पहले 2005 से 2022 तक हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र डिपॉर्टमेंट में अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन और अर्थशास्त्र की जॉन ज़्वानस्ट्रा प्रोफेसर थीं। हार्वर्ड में शामिल होने से पहले, वह 2001 से 2005 तक शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में अर्थशास्त्र की सहायक प्रोफेसर थीं।

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IMF की MD ने क्या कहा?

IMF की MD क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने गोपीनाथ को एक ‘बेहतर सहयोगी – लीडर और एक शानदार मैनेजर, जो हमेशा हमारे कर्मचारियों की पेशेवर स्थिति और भलाई के लिए सच्ची चिंता दिखाते हैं’ बताया।