रिलायंस जियो के बाजार में आने के बाद दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों में मुकाबला काफी कड़ा हो गया है। कंपनियां कम से कम दाम में बेहतर सेवाएं देने और कस्टमर्स को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए एक के बाद एक, कई किफायती प्लान पेश कर रही हैं। कंपनियों की इस रणनीति का असर उनकी बैलेंस शीट पर भी देखने को मिल रहा है।
वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल को इस तिमाही में कुल मिलाकर करीब 74 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें वोडाफोन-आइडिया को नुकसान जहां 50921.9 करोड़ रुपये है वहीं भारती एयरटेल को 23,045 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
देश के कॉर्पोरेट इतिहास में वोडाफोन-आइडिया ने एक तिमाही में सबसे बड़ा नुकसान दर्ज किया है। इससे पहले एक तिमाही में सबसे अधिक नुकसान 26992 करोड़ रुपये का था। टाटा मोटर्स ने दिसंबर 2018 में 26,992.50 करोड़ रुपये का एक तिमाही में नुकसान दर्ज किया था। सबसे अधिक नुकसान में मामले में भारतीय एयरटेल 23045 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ तीसरे स्थान पर है।
एक तिमाही में सबसे अधिक नुकसान उठाने वाली कंपनियों में इंडियन ऑयल कॉर्प, टाटा स्टील-भूषण स्टील और रिलायंस कम्यूनिकेशन भी शामिल है। इंडियन ऑयल को जून 2012 की खत्म हुई तिमाही में 22451 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था। वहीं टाटा स्टील-भूषण स्टील और रिलायंस कम्यूनिकेशन ने मार्च 2018 को खत्म हुई तिमाही में क्रमशः 21252 करोड़ रुपये और 19776 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था।
इस साल की दूसरी तिमाही में भारती एयरटेल ने कुल 21131 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया। वहीं कंपनी को 23045 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ। इस दौरान कंपनी ने 34,260 करोड़ रुपये के प्रावधान रखे। कंपनी पर 41,507 करोड़ रुपये का एजीआर (Adjusted Gross Revenues) बकाया है। कंपनी पर 1.18 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध देनदारी है। वहीं, वोडाफोन ने इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 10,844 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया।
इस दौरान कंपनी का शुद्ध नुकसान 50,922 करोड़ रुपये रहा। कंपनी की तरफ से 25680 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। कंपनी पर 1.02 लाख रुपये की कुल देनदारी है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद वोडाफोन-आइडिया को एजीआर बकाया के 39313 करोड़ रुपये चुकाने हैं।
वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रिलायंस जियो का रेवेन्यू जहां 12,354 करोड़ रुपये रहा था, वहीं भारतीय एयरटेल को 10,981 और वोडाफोन को 10,844 करोड़ रुपये का रेवेन्यू प्राप्त हुआ। रिलायंस जियो के पास 34.82 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं। वहीं भारती एयरटेल के सब्सक्राइबर्स की संख्या 27.94 करोड़ और वोडाफोन के कस्टमर्स की संख्या 31.11 करोड़ है।