Vishal Mega Mart: विशाल मेगा मार्ट इन दिनों सिक्योरिटी गार्ड के जॉब विज्ञापन को लेकर चर्चा में है। सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी के लिए जो योग्यता और परीक्षा रखी गई, उससे लेकर सोशळ मीडिया पर मीम्स वायरल हो रहे हैं। आज हम इनके फाउंडर की कहानी बताने जा रहे हैं। इनको खुद का काम करना था। इसके लिए इन्हें इनकी शारीरिक अक्षमता रोक पाई और न ही आर्थिक परिस्थितियां। डिग्री होने के बावजूद भी नौकरी में मन नहीं लगा, आज हम आपको रामचंद्र अग्रवाल की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं और इन्होंने विशाल मेगा मार्ट, वी मार्ट जैसे सुपरमार्केट की नींव रखी, आइए जानते हैं…
उधार के पैसों से की फोटोकॉपी की छोटी सी दुकान शुरू
राम चंद्र अग्रवाल का जन्म कोलकाता के साधारण परिवार हुआ। 4 वर्ष की उम्र में भी वे पोलियो के ग्रसित हो गए थे। उनके शरीर के नीचे का हिस्सा काम नहीं करता था। बैसाखियों पर जिंदगी कटने लगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं माना। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की, नौकरी भी की, लेकिन वे पहचान गए थे कि वे 9 से 5 की नौकरी के लिए नहीं बने। सब छोड़कर उधार के पैसों से कोलकाता में ही फोटोकॉपी की छोटी सी दुकान शुरू की।
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छोटी सी दुकान चलाने वाले ने बनाया विशाल मेगा मार्ट
उन्होंने 1 साल तक अपनी फोटोकॉपी की दुकान चलाई, लेकिन उनका मन नहीं लगा। उन्होंने सॉफ्ट ड्रिंक्स का बिजनेस शुरू किया लेकिन उस कारोबार में भी मुनाफा नहीं हुआ। इसके बाद वे फैब्रिक के कारोबार में आ गए। उन्होंने कोलकाता में कपड़े के छोटे बिजनेस से शुरुआत की। उन्होंने कोलकाता में करीब 15 वर्ष तक कपड़ों का कारोबार किया, लेकिन उन्हें कुछ बड़ा करना था। इसलिए उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया और दिल्ली आ गए। उन्होंने साल 2021-22 में यहां से विशाल मेगा मार्ट की शुरुआत की। उन्होंने देश के मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास लोगों को ध्यान में रखकर स्टोर बनाया।
2007 में लॉन्च किया IPO
वे 414 शहरों में करीब 645 स्टोर शुरू कर चुके थे। कंपनी ने साल 2007 में विशाल रिटेल नाम से 2000 करोड़ के वैल्यूएशन वाला IPO लॉन्च कर दिया। रामचंद्र अग्रवाल की कंपनी विशाल रिटेल का नाम शेयर बाजार में भी शामिल हो गया, लेकिन रामचंद्र की गलती अब उनपर भारी पड़ने लगी। तेजी से आगे बढ़ने की होड़ ने और जल्दबाजी में लिए गए गलत निर्णय से विशाल मेगामार्ट औंधे मुंह गिर गई। शेयर बाजार में साल 2008 में आए तूफान ने विशाल मेगा मार्ट को काफी नुकसान पहुंचाया। कंपनी पर कर्ज का बोझ 750 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
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हुए कंपनी बेचने को मजबूर
कंपनी साल 2011 में डूबने लगी। कंपनी का कारोबार 750 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया। ऐसे में उन्होंने कंपनी को बचाने के लिए इसको बेचने का निर्णय लिया। उन्होंने कंपनी को 70 करोड़ में बेच दी। श्रीराम ग्रुप और TPG कैपिटल ने इसे खरीदा। साल 2018 में Kedaara Capital और पार्टनर ग्रुप ने 350 मिलियन डॉलर में विशाल मेगा मार्ट को खरीद लिया।
रामचंद्र अग्रवाल ने शुरू की नई कंपनी
विशाल मेगा मार्ट को बेचने के बाद रामचंद्र अग्रवाल ने हार नहीं मानी। उन्होंने रिटेल सुपरमार्ट V2 Retail की शुरुआत की। V2 Retail अब शेयर बाजार में लिस्टेड है। 21 मई 2025 तक इसकी मार्केट वैल्यू 6,530 करोड़ रुपये थी। हालांकि, राम चंद्र अग्रवाल की सटीक नेटवर्थ के बारे में जानकारी नहीं मिलती है।
