संकट में फंसे शराब उद्यमी विजय माल्या कथित बैंक रिण धोखाधड़ी में मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में शुक्रवार (29 जुलाई) को पीएमएलए अदलत में पेश नहीं हुए जिससे लगता है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) माल्या के खिलाफ संपत्ति की कुर्की की नई कार्रवाई शुरू करेगा। अदालत ने पिछले महीने माल्या के खिलाफ प्रोक्लेमेशन आदेश जारी कर उन्हें शुक्रवार (29 जुलाई) को 11 बजे पेश होने को कहा था। अदालत ने कहा था कि माल्या ‘कानून से भाग’ रहे हैं और गिरफ्तारी से बचाने के लिए खुद को छुपाने रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने विभिन्न दैनिक अखबारों में यह प्रकाशित किया था कि अदालत ने माल्या के खिलाफ विशेष पीएमएलए अदालत में पेश होने का आदेश जारी किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एजेंसी अब आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए माल्या की और संपत्तियों की कुर्की करेगी। वहीं अदालत के समन पर पेश नहीं होने के लिए माल्या को घोषित अपराधी घोषित किए जाने की संभावना है। यह प्रोक्लेमेशन आदेश विशेष मनी लांड्रिंग रोधक अदालत ने 14 जून को सीआरपीसी की धारा 82 के तहत जारी किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत से यह आदेश जारी करने का आग्रह किया था। निदेशालय आईडीबीआई-किंगफिशर के 900 करोड़ रुपए के रिण मामले में माल्या की भूमिका की जांच कर रहा है।
निदेशालय ने माल्या के खिलाफ प्रोक्लेमेशन नोटिस जारी करने का आग्रह करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ कई गिराफ्तारी वॉरंट लंबित हैं। इनमें पीएमएलए के तहत एक गैर जमानती वॉरंट भी है। एजेंसी चाहती है कि वह खुद इस जांच में शामिल हों। किसी आपराधिक जांच में किसी व्यक्ति को उस समय घोषित अपराधी घोषित किया जा सकता है जबकि यह मानने की वजह हो कि जिसके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया गया है, वह ‘फरार’ है और वॉरंट की तामील से बचने के लिए खुद को छिपा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय पहले ही पीएमएलए के तहत माल्या की 1,411 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क कर चुका है।