जनसत्ता ब्यूरो

सभी केंद्रीय कर्मचारियों को अब लोकपाल कानून के तहत अधिसूचित नए नियमों के अनुसार विदेशी बैंक खातों में जमा धनराशि का ब्योरा देना होगा। उन्हें पति-पत्नी और बच्चों के खातों का भी ब्योरा देना होगा। कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने कर्मचारियों के लिए उनकी संपत्ति और उनकी देनदारियों के ब्योरे की घोषणा के लिए नया फॉर्म जारी किया है, जो लोकपाल कानून के तहत जरूरी है।

अधिसूचना में कहा गया है कि विदेशी बैंकों में जमा धन का ब्योरा अलग से देना होगा। सरकारी सूत्रों ने बताया कि सार्वजनिक रूप से अपनी संपत्तियों और देनदारियों का ब्योरा देने के संबंध में कुछ कर्मचारियों के चिंता जताए जाने के बाद नया फॉर्म जारी किया गया है। सरकार इस बारे में भी विचार कर रही है कि इस तरह का ब्योरा सार्वजनिक किया जाना चाहिए या नहीं। कर्मचारियों को चल संपत्तियों, बीमा, बांड्स, शेयर और म्युचुअल फंड्स में दो लाख रुपए से अधिक के निवेश के बारे में नए फॉर्म में अलग से बताना होगा।

सूत्रों के मुताबिक दो लाख रुपए से ऊपर के निवेश के बारे में वैयक्तिक रूप से सूचना देनी होगी। इससे नीचे के निवेश की जानकारी भी साथ में दी जा सकती है। पहले यह सीमा एक लाख रुपए थी। नए फॉर्म में कर्मचारियों को महंगे फर्नीचर, साज-सज्जा का सामान, पुरातन चीजों, पेंटिंग्स और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बारे में भी जानकारी देनी होगी। लोक सेवक द्वितीय संशोधन नियम 2014 के अनुसार लोक सेवकों को चालू वित्त वर्ष के लिए 30 अप्रैल, 2015 तक अपनी संपत्तियों और देनदारियों का रिटर्न दाखिल करना होगा।

उन्हें अपने पति-पत्नी और परिवार के आश्रित सदस्यों से संबंधित ब्योरा भी देना होगा। नियमों के मुताबिक ग्रुप ए, बी और सी के सभी कर्मियों को हर साल 31 मार्च या 31 जुलाई से पहले इस तरह का ब्योरा देना होता है। चालू वर्ष के लिए यह रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर थी जिसे बाद में दिसंबर के अंत तक और अब अगले साल अप्रैल तक के लिए विस्तारित कर दिया गया है।

लोकपाल कानून के तहत घोषणाएं विभिन्न सेवा नियमों के तहत कर्मचारियों की ओर से दी जाने वाली इसी तरह की जानकारियों के अतिरिक्त हैं। डीओपीटी ने इस तरह की घोषणाओं के लिए प्रारूप को आसान बना दिया है जो जुलाई में जारी किया गया था और इसे शुक्रवार को अधिसूचित किया गया। पूर्व के फॉर्म में कर्मचारियों को मोटर वाहनों, विमान, नौका और पोतों से संबंधित जानकारी देनी होती थी, लेकिन नए प्रारूप में उन्हें सिर्फ मोटर वाहनों का जरूरी ब्योरा देना होगा। सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार ग्रुप ए, बी और सी में करीब 26,29,913 कर्मचारी हैं।