देश की बेरोजगारी दर ने इस साल जून में तकरीबन 33 महीनों का रिकॉर्ड तोड़ डाला, जबकि रोजगार दर जनवरी 2016 के बाद अब तक सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई। ये बातें हाल ही में मुंबई स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) की ताजा रिपोर्ट में सामने आई हैं, जो कि कहीं न कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की चिंता बढ़ाने वाली मानी जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, रोजगार दर गिरकर 39.42 प्रतिशत पर आ गई। वहीं, जून 2019 में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.91 फीसदी हो गई थी।
बता दें कि मई, 2019 में बेरोजगारी दर 7.2 फीसदी थी और उससे पहले जून, 2018 में यह 5.8 प्रतिशत थी। वहीं, बेरोजगारी दर की बात करें तो सितंबर 2016 के बाद से 7.91 फीसदी दर सर्वाधिक (33 माह का रिकॉर्ड) दर्ज की गई।
सीएमआईई की तरफ से इस रिपोर्ट में कहा गया, “बेरोजगारी दर जून 2019 में तेजी से बढ़ी। 9 जून (रविवार) को सप्ताह के अंत पर बेरोजगारी दर अपने चरम पर थी और तब वह नौ फीसदी दर्ज की गई थी, पर उसके बाद वह नीचे आई। दूसरे हफ्ते के अंत में वह गिर कर 8.5 प्रतिशत पर आ गई और उसके बार गिरकर 7.4 हुई और आखिर हफ्ते में आखिरकार वह सात फीसदी दर्ज की गई।”
आगे रिपोर्ट में यह भी बताया गया, “2019-20 की पहली तिमाही में रोजगार दर 39.6 फीसदी थी। 2016 के बाद यह अब तक किसी तिमाही में यह सबसे कम रोजगार दर थी। हालांकि, मार्च 2019 तिमाही में इसके अनुपात में सुधार आया और यह पिछली तिमाही में 39.7 फीसदी से 39.9 प्रतिशत हो गई। पर, इस बढ़त आगे नहीं नजर आई और यह अनुपात जून 2019 की तिमाही में गिर पर अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ पहुंचा।”
थिंक टैंक के अनुसार, रोजगार दर जून 2016 की तिमाही से लगातार गिर रही है और पिछले तीन सालों में इसमें तीन प्रतिशत प्वॉइंट्स की गिरावट आई है। यानी यह गिरावट कुल रोजगार दर में आई है। हालांकि, श्रमिकों की सहभागिता (लेबर पार्टिसिपेशन) जून, 2019 में 42.8 फीसदी दर्ज की गई, जबकि मई 2019 में यह 42.74 प्रतिशत थी और अप्रैल 2019 में इसे 42.54 दर्ज किया गया था। श्रमिकों की सहभागिता की दर में वे लोग आते हैं, जो 16-64 साल के बीच के हैं और वे कहीं काम कर रहे हैं या फिर नौकरी तलाश रहे हैं।