US pauses foreign bribery prosecutions, Trump New Decisions: सत्ता में आने और अमेरिकी राष्ट्रपति पद की कमान संभालने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। टैरिफ से जुड़े ट्रंप प्रशासन के फैसले ने दुनियाभर के बाजारों में उथल-पुथल ला दी है। और अब ट्रंप खबर है कि ट्रंप प्रशासन कुछ खास किस्म के सफेशपोश-क्राइम (white-collar crimes) को लागू करने से पीछे हट रहा है। इन अपराधों में विदेशी रिश्वतखोरी, सार्वजनिक भ्रष्टाचार जैसे पब्लिक करप्शन, मनी लॉन्ड्रिंग और क्रिप्टो मार्केट से संबंधित मामले शामिल हैं।

बता दें कि यह फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के दो महीने बाद आया है। इसमें अमेरिकी अमेरिकी न्याय विभाग को विदेशी व्यापार सौदों को सुरक्षित करने के लिए विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोपी, अमेरिकियों पर मुकदमा चलाने से रोकने का निर्देश दिया गया है।

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ट्रंप के नए फैसले से अडानी को राहत

Wall Street Journal की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस डिपार्टमेंट (Justic Department) में अटॉर्नी जनरल Pam Bondi ने अभियोजकों को अपने एंटी-मनी-लॉन्ड्रिंग और sanctions-evasion का फोकस ड्रग कार्टेल और अंतर्राष्ट्रीय अपराध संगठनों पर फोकस करने का आदेश दिया है।

इस आदेश में कहा गया है कि प्रशासन, कुछ व्यावसायिक कंडक्ट मामलों में अपराध को प्रभावी ढंग से फिर से परिभाषित कर रहा है। इन फैसलों का मकसद अमेरिकी नागरिकों को राहत देना है। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि इस फैसले से अमेरिकी अदालतों में आरोपों का सामना करने वाली कंपनियों और उनके अधिकारियों को भी फायदा हो सकता है जैसे कि भारत के अडानी ग्रुप (Adani Group) के कुछ प्रमुख अधिकारी जो अभी यूएस में रिश्वतखोरी के आरोपों का सामना कर रहे हैं।

जानकार सूत्रों ने कहा कि नई नीति से Azure Power को राहत मिलने की संभावना है – जिसका एक सौर परियोजना के लिए Adani Group की फर्म के साथ कॉन्ट्रैक्ट (बिल्ड, ऑपरेट और ट्रांसफर) था।

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वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) की रिपोर्ट के अनुसार, “भारतीय अरबपति गौतम अडानी के वकील, न्याय विभाग से उनके और उनकी कंपनियों के अन्य अधिकारियों के खिलाफ कथित विदेशी-रिश्वत स्कीम से जुड़े आपराधिक आरोपों को हटाने के लिए कह रहे हैं। अडानी समूह ने आरोपों को ‘निराधार’ बताया है।” अमेरिकी संघीय अभियोजक विदेशी-रिश्वत कानून के प्रति ट्रंप की नापसंदगी पर ध्यान दे रहे हैं।

Cognizant को भी पहुंचेगा फायदा

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने कहा, “न्यू जर्सी के लिए नवनियुक्त अमेरिकी वकील अलीना हब्बा, जो पहले ट्रंप की सलाहकार और उनके बचाव पक्ष के वकीलों में से एक थीं, ने भारत में रिश्वत देने के आरोपी कॉग्निजेंट (Cognizant) के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ आरोपों को खारिज करने का प्रस्ताव रखा।”

वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा रिव्यू किए गए एक आंतरिक न्याय विभाग के ज्ञापन के अनुसार, “उनके फैसले ने उस कार्यालय में अभियोजकों को कम कर दिया, जिन्हें फरवरी में – उनके कार्यभार संभालने से पहले – मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई थी।”

फरवरी के आदेश में अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी को निर्देश दिया गया कि वह 1977 के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (Foreign Corrupt Practices Act- FCPA) के तहत अभियोजन को तब तक रोक दें जब तक वह अमेरिकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने वाले रिवाइज्ड प्रवर्तन मार्गदर्शन (enforcement guidance)जारी नहीं करते। आदेश में कहा गया है कि भविष्य की FCPA जांच और एन्फोर्समेंट एक्शंस इस नए मार्गदर्शन द्वारा शासित होंगी और इसे अटॉर्नी जनरल द्वारा अप्रूव किया जाना चाहिए।

व्हाइट हाउस ने तब दावा किया था कि FCPA, अमेरिकी कंपनियों को विदेशी प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले नुकसान में डालता है क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धियों के बीच आम प्रैक्टिसेज में शामिल नहीं हो सकते हैं, जिससे असमान प्लेइंग फील्ड बनाता है।

FCPA में बदलाव से कई कंपनियों की जांच होगी प्रभावित

व्हाइट हाउस की एक फैक्टशीट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा, अमेरिका और उसकी कंपनियों पर दुनिया भर में रणनीतिक वाणिज्यिक लाभ प्राप्त करने पर निर्भर करती है, और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अत्यधिक, अप्रत्याशित FCPA प्रवर्तन को रोक रहे हैं जो अमेरिकी कंपनियों को कम प्रतिस्पर्धी बनाता है।

2024 में न्याय विभाग और प्रतिभूति और विनिमय आयोग (Securities and Exchange Commission) ने 26 एफसीपीए-संबंधित प्रवर्तन कार्रवाइयां दायर कीं, जिसमें साल के अंत तक कम से कम 31 कंपनियां जांच के दायरे में थीं।

फरवरी में ट्रंप के कार्यकारी आदेश में कहा गया था कि रिश्वतखोरी के मुकदमे, अमेरिकी कंपनियों की विदेशों में प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे उन्हें उन प्रैक्टिसेज के लिए दंडित किया जाता है जो दुनिया के कुछ हिस्सों में नियमित हैं। WSJ ने कहा कि यह घोषणा दर्जनों मामलों और जांचों को प्रभावित कर सकती है।

ट्रंप का क्षमादान

WSJ ने कहा, “स्विट्जरलैंड की कमोडिटी ट्रेडिंग दिग्गज Glencore, जिसने 2022 में विदेशी रिश्वतखोरी और बाजार में हेरफेर के आरोपों में दोषी ठहराया था, को दो compliance monitors के काम को खत्म करने के लिए इस साल न्याय विभाग का समर्थन मिला, जिससे कंपनी को 140 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था।”

डब्ल्यूएसजे ने कहा कि ट्रंप ने मैनहट्टन में संघीय अभियोजकों द्वारा दोषी ठहराए गए कई प्रतिवादियों को क्षमादान दिया है। मार्च के आखिर में, उन्होंने Nikola के संस्थापक ट्रेवर मिल्टन को माफ़ कर दिया। वह ट्रंप के एक डोनर थे, जिन्हें अपनी कंपनी के ero-emissions वाले ट्रकों और टेक्नोलॉजी के विकास के बारे में झूठ बोलकर निवेशकों को धोखा देने का दोषी ठहराया था।

“उन्होंने क्रिप्टो एक्सचेंज BitMEX के तीन संस्थापकों को भी माफ कर दिया, जिन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ नियंत्रण बनाए रखने में विफल रहने के लिए दोषी ठहराया था। राष्ट्रपति ने कंपनी को भी माफ कर दिया, उसी दिन भुगतान किए जाने वाले 100 मिलियन डॉलर के जुर्माने से बचा लिया।”