Telecom Regulatory Authority of India: अनजान नंबर से बार-बार आने वाली अनचाही कॉल पर लगाम लगाने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) जल्द ही देश में नंबर के साथ नाम वाली कॉलर आईडी की व्यवस्था लेकर आने की तैयारी कर रहा है। इससे कॉल करने वाले के नाम और लोकेशन की जानकारी कॉल रिसीव करने वाले को मिल जाएगी।
ट्राई ने मोबाइल पर कॉल करने वाले का नाम प्रदर्शित करने की व्यवस्था को लेकर सार्वजनिक परामर्श का दौर ट्राई ने शुरू कर दिया है। टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि दूरसंचार नेटवर्क में कॉल करने वाले का नाम दर्शाने की व्यवस्था (CNAP) लागू करने के बारे में एक परामर्श पत्र जारी किया गया है। इस पर संबद्ध पक्षों से 27 दिसंबर 2022 तक विचार आमंत्रित किए गए हैं। उन सुझावों पर 10 जनवरी, 2023 तक जवाब दिए जा सकेंगे।
KYC पर आधारित होगी व्यवस्था: ट्राई के सूत्रों के अनुसार यह व्यवस्था व्यक्ति के KYC पर आधारित होगी। दरअसल मोबाइल के लिए नया सिमकार्ड खरीदते वक्त टेलीकॉम कंपनी हमसे हमारा केवाईसी विवरण मांगती है। अक्सर ये केवाईसी आधार कार्ड के जरिए होता है। नई व्यवस्था में ये केवाईसी डिटेल नंबर के साथ कॉलर आईडी के रूप में प्रदर्शित की जाएगी। जिससे कॉल करने वाले के नाम और लोकेशन की जानकारी कॉल रिसीव करने वाले को मिल जाएगी।
फेक कॉल्स से बचना होगा आसान: मई 2022 में TRAI के चेयरमैन पीडी वाघेला ने बताया था, “इस मैकेनिज्म के इनेबल होने पर कॉलर का नाम डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम के नियम अनुसार टेलीकॉम कंपनियों द्वारा किए गए KYC के मुताबिक फोन स्क्रीन पर नजर आएगा। इस फीचर के आने के बाद यूजर्स फेक कॉल्स से बच सकेंगे।” गौरतलब है कि अब तक ट्रूकॉलर और ऐसे ही दूसरे थर्ड पार्टी मोबाइल एप की मदद से मोबाइल फोन यूजर कॉल करने वाले व्यक्ति की पहचान जान सकते हैं।
TRAI के मुताबिक, दूरसंचार विभाग का मानना है कि CNAP सुविधा शुरू होने से कोई भी मोबाइल फोन उपभोक्ता कॉल आने पर कॉलर की पहचान कर सकेगा। इस सुविधा को स्मार्टफोन के साथ फीचर फोन पर भी मुहैया कराने के लिए दूरसंचार नेटवर्क की तैयारी और व्यवहार्यता को भी परखा जाएगा। जैसे ही ये नियम लागू होगा, यूजर्स को उस कॉलर का नाम भी नजर आएगा, जिसका नंबर उनके फोन में सेव नहीं होगा। TRAI का यह नया फीचर कॉलर आइडेंटिटी से जुड़ा हुआ है।