दूरसंचार नियामक ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों से एक जनवरी से प्रभावी कॉल ड्रॉप नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है। वहीं कंपनियों ने विद्रोही रुख कायम रखते हुए कहा है कि वे इस मद में ग्राहकों को मुआवजा तभी देंगी जबकि अदालती आदेशों में उनसे ऐसा करने को कहा जाएगा।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि ट्राई ने सभी दूरसंचार कंपनियों को पत्र लिखा है और इस उम्मीद के साथ उन्हें याद दिलाया है कि कंपनियों ने इसके अनुपालन के लिए सारी तैयारी कर ली होगी। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 16 अक्टूबर, 2015 को दूरसंचार उपभोक्ता सुरक्षा नियमन के संबंध में संशोधन जारी किया है। जिसमें उसने एक नियम जोड़ा है कि मोबाइल सेवा प्रदाता अपने नेटवर्क में किसी कमी के कारण फोन कॉल खुद कट जाने यानी कॉल ड्राप के लिए उपभोक्ताओं की हर्जाना देंगे।
कॉल ड्रॉप के लिए भुगतान शुरू करें दूरसंचार कंपनियां: ट्राई दूरसंचार नियामक ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों से एक जनवरी से प्रभावी कॉल ड्रॉप नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है। इस नियम के तहत दूरसंचार कंपनियां हर कॉल ड्रॉप के लिए एक रुपये का मुआवजा देंगी और भुगतान की सीमा तीन रुपये प्रतिदिन होगी।
दूरसंचार कंपनियों ने इस नियम के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। एसोसिएशन ऑफ यूनिफाइड टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स आफ इंडिया के महासचिव अशोक सूद ने कहा कि यह मामला अभी न्यायालय में है और हम उपभोक्ताओं को भुगतान तभी करेंगे जबकि अदालत हमें ऐसा करने के लिए कहता है।

