टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने सभी डीटीएच कंपनियों से अपने एक्टिव कस्टमर्स की डिटेल्स देने को कहा है। ट्राई ने इन कंपनियों से साफ कहा कि वो अस्थाई रूप से सस्पेंड ग्राहकों को नहीं गिने जो पूर्व में ऐसा करते रहे हैं। बता दें कि मार्च, 2019 तक डीटीएस कंपनियां अपने ग्राहकों की जानकारी मुहैया कराने के दौरान उन ग्राहकों की भी जानकारी देतीं थीं जो 120 दिनों से एक्टिव नहीं हुए। ट्राई सचिव एसके गुप्ता ने बिजनेस लाइन को बताया, ‘पूरी तरह पारदर्शिता लाने के लिए पहली बार डीडीएच ऑपरेटरों से ट्राई ने मासिक आधार पर एक्टिव ग्राहकों की जानकारी मांगी। इस तरह के आंकड़ें इससे पहले कभी नहीं जुटाए गए।’
नए सिस्टम से पहले डीटीएच कंपनियों ने मार्च 2019 के आखिर तक अपने ग्राहकों की संख्या 7.24 करोड़ बताई थी। अब नए सिस्टम के तहत डीटीएच कंपनियों के 30 जून तक समाप्त तिमाही में ग्राहकों की संख्या 5.42 करोड़ थी। आंकड़ों पर नजर डाले तक इस तरह ग्राहकों की संख्या करीब 1.8 करोड़ तक कम हो गई। एसके गुप्ता का मुताबिक इस कमी का टीवी चैनल के मूल्य निर्धारण में बदलाव से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि आंकड़ें पहली बार इस तरह से जुटाए गए इसलिए सीधे तौर पर इसकी तुलना संभव नहीं।
उन्होंने कहा, ‘औसत सक्रिय ग्राहकों का आधार मासिक तौर पर सक्रिय ग्राहकों के आधार पर आता है। (जैसे 7वें दिन, 14वें दिन, 21वें दिन और 28 वें दिन) हालांकि मार्च 2019 को समाप्त तिमाही के लिए ग्राहक आधार के लिए डीटीएच कंपनियों ने स्थाई रूप सस्पेंड ग्राहकों को भी शामिल कर लिया जो 120 से ज्यादा दिनों से एक्टिव नहीं रहे है। गुप्ता ने आगे कहा, ‘जून 2019 तक कुल डीटीएच ग्राहक 6.89 करोड़ हैं। इनमें ऐसे ग्राहक भी शामिल हैं जो 90 दिन से ज्यादा दिनों से अस्थाई रूप से सस्पेंड हैं।’
इसी बीच केबल ऑपरेटर्स इंडस्ट्री बॉडी, ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन और व्यक्ति ग्राहकों का दावा है कि नए टैरिफ की वजह से मासिक बिलों में खासी बढ़ोतरी हुई है। एक डीटीएच ग्राहक धीरज वाला ने एक पत्र के जरिए ट्राई से कहा कि ट्राई के निर्देश लागू करने के बाद सब्सक्रिप्शन कीमत प्रति ग्राहक 100-150 तक बढ़ गई।