TCS layoff: टीसीएस कर्मचारियों के लिए छंटनी की एक और कहानी सामने आई है। मुंबई के एक वरिष्ठ कर्मचारी को अपनी अप्रूव्ड मेडिकल लीव के दौरान रिजाइन देने के लिए मजबूर किया गया।
फोरम फॉर आईटी एम्प्लॉइज (FITE) ने दावा किया है कि उस व्यक्ति का कुल वर्क एक्सपीरियंस 29 वर्षों से ज्यादा का था और उसने टीसीएस के साथ 14 वर्षों तक काम किया था। कथित तौर पर कंपनी की एचआर टीम ने उसे या तो 10 महीने का रिटायरमेंट भत्ता स्वीकार करने या बर्खास्तगी का सामना करने के लिए मजबूर किया।
टीसीएस में छंटनी का दौर
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब टीसीएस ने इस वर्ष कई दौर की छंटनी की घोषणा की है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी है, जो इसके ग्लोबल कार्यबल का करीब 2% है, जिसका मुख्य वजह AI और स्वचालन की ओर रुझान है।
बिजनेस स्टैंडर्ड ने पहले बताया था कि वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (Q2FY26) में वैश्विक कर्मचारियों की संख्या घटकर 5,93,314 रह गई।
प्रोजेक्ट पर काम करते हुए भी कर्मचारी को नौकरी छोड़ने पर मजबूर किया गया: FITE
इस व्यक्ति के मामले में, FITE ने यह भी आरोप लगाया कि जिस समय उसे जबरन नौकरी से निकाला गया, उस समय वह एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था। इसने यह भी दावा किया कि उसे कम वेतन दिया गया । साथ ही, यह भी दावा किया कि TCS ने 10 साल से ज्यादा सेवा दे चुके कर्मचारियों को 2 साल का मुआवजा देने का सार्वजनिक रूप से वादा किया था।
‘कितने कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया?’
फ़ोरम ने X पर आगे लिखा, “यह कई बड़े सवाल खड़े करता है: कितने कर्मचारियों को इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर किया गया? कितनों को वास्तव में TCS के दावों के अनुसार मुआवज़ा मिला? कितने पीड़ित चिकित्सकीय रूप से कमज़ोर थे?”
इस पोस्ट में TCS में कथित जबरन बर्खास्तगी की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) की मांग की गई, और प्रभावित कर्मचारियों के लिए जवाबदेही और न्याय की आवश्यकता पर जोर दिया गया, जिन पर कमजोर चिकित्सीय स्थिति के दौरान इस्तीफा देने का दबाव डाला गया हो।
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पुणे आयुक्त ने छंटनी को लेकर टीसीएस को तलब किया
आउटलुक बिजनेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुणे स्थित श्रम आयुक्त कार्यालय ने मंगलवार को टीसीएस को तलब किया। पुणे कार्यालय से लगभग 2,500 कर्मचारियों की छंटनी के बाद, यह कदम उठाया गया।
आईटी कर्मचारियों के एक संगठन, नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) ने भी कंपनी के खिलाफ “नौकरी की अवैध समाप्ति और गैरकानूनी छंटनी” के आरोप में कई शिकायतें दर्ज की हैं।
हालांकि आधिकारिक बयानों में छंटनी को कौशल की कमी और व्यावसायिक जरूरतों के कारण उठाया गया कदम बताया गया है, लेकिन पारदर्शिता को लेकर आलोचना हुई है। कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि छंटनी के पैमाने को कम दिखाने के लिए वास्तविक आंकड़े कम बताए जा रहे हैं।
