देश की चार कंपनियों ने दुनिया की 100 सबसे बड़े ब्रांड्स में अपनी जगह बनाई है। हालांकि हैरान कि बात यह है कि इसमें एक भी कंपनी अडानी और रिलाइंस की नहीं है।
चार भारतीय कंपनियों में टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस और एलआईसी का नाम शामिल है। इन कंपनियों को एप्पल, गूगल, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों के साथ शीर्ष 100 वैश्विक सबसे बड़े ब्रांडों में शामिल किया गया है। टीसीएस इस सूची में भारत के हिसाब से नंबर वन और दुनिया के लिहाज से 46वें स्थान पर है। इसके बाद एचडीएफसी 61वें नंबर पर इंफोसिस 64वें नंबर पर और एलआईसी 92वें नंबर पर मौजूद है।
टीसीएस की ब्रैंड वैल्यू 50 बिलियन डॉलर है, वहीं एचडीएफसी का 35 बिलियन डॉलर, इंफोसिस का 33 बिलियन डॉलर और एलआईसी का 23 बिलियन डॉलर है। टीसीएस एशिया प्रशांत क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़े ब्रांड के रूप में सामने आया है। इससे ऊपर सैमसंग है। सैमसंग की ब्रांड वैल्यू 54 बिलियन डॉलर है। इसी क्रम में एचडीएफसी बैंक और इंफोसिस सूची में तीसरे और चौथे स्थान पर रहे, जबकि एलआईसी आठवें स्थान पर रही।
एचडीएफसी बैंक ब्रांड वैल्यू के मामले में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बैंक है, जबकि टीसीएस और इंफोसिस दुनिया के शीर्ष 20 बिजनस सॉल्यूशन और टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर में से एक हैं। वहीं एप्पल दुनिया का सबसे मूल्यवान ब्रांड है। जिसकी ब्रांड वैल्यू 947 बिलियन डॉलर है। इसके बाद इसी क्रम में अन्य टेक दिग्गज गूगल, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट का स्थान है। फेसबुक जिसने अपनी कंपनी का नाम हाल ही में मेटा कर लिया है, आठवें स्थान पर है।
Kantar Brandz 2022 के ‘मोस्ट वैल्यूएबल ग्लोबल ब्रांड्स’ में आईबीएम, कोका-कोला, अडोबी, स्टारबक्स, इंस्टाग्राम, टीकटॉक, स्नैपचैट जैसे ब्रांड भी शामिल हैं। बता दें कि इन ब्रांड्स में रिलाइंस और अडानी ग्रुप की कंपनी शामिल नहीं। ये दोनों ग्रुप भारत के सबसे बड़े ग्रुपों में से एक हैं और इनके मालिक अमीरों की लिस्ट में टॉप के नंबरों में शामिल हैं।