2014 के आम चुनावों में नरेंद्र मोदी के प्रचार का जिम्मा संभालने वाली कंपनी को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है। 2014 में एसोसिएशन ऑफ सिटीजंस फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस (CAG) का जिम्मा प्रशांत किशोर के पास था। CAG का गठन 2013 में हुआ था। टैक्स विभाग ने CAG से पिछले चार साल की कमाई और कमाई के स्रोत की जानकारी देने को कहा है। नाशिक स्थित सेंट्रल एक्साइज इंटेलीजेंस के डीजी ने यह नोटिस जारी किया है।
यह नोटिस 26 अप्रैल को जारी किया गया और कंपनी के अहमदाबाद स्थित दफ्तर में भेजा गया। इसमें कहा गया कि कंपनी के अधिकारी 4 मई से पहले उपस्थित हों। अधिकारियों ने बताया कि फाइनेंस एक्ट 1994 के तहत CAG के खिलाफ जांच हो रही है। इसके तहत सालाना रिपोर्ट, बिल, खर्च का बहीखाता, बैंक स्टेटमेंट और पेमेंट स्लिप मांगी गई हैं। यह दस्तावेज मुहैया न कराए जाने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 174 और 175 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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हालांकि रिकॉर्ड्स के अनुसार किशोर वर्तमान में इस कंपनी से जुड़े हुए नहीं हैं। पिछले साल उन्होंने IPAC( इंडियन पॉलीटिकल एक्शन कमिटी) के साथ बिहार में नीतीश कुमार के लिए काम किया था। वहीं अभी वे यूपी और पंजाब में कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं। 2014 में चुनावों में उन्होंने नरेंद्र मोदी का आम चुनावों में सफल प्रचार किया था। वहीं पिछले साल नीतीश कुमार को सत्ता में वापस लाने के पीछे भी उनकी ही रणनीति थी।
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