टाटा मोटर्स की बेहद लोकप्रिय कार रही टाटा सुमो के नाम को लेकर अकसर लोग यह सोचते हैं कि शायद इसके साइज के चलते इसे यह नाम दिया गया था। लेकिन, यह सच नहीं है और इसका नाम रखे जाने की कहानी बेहद दिलचस्प है। दरअसल टाटा ग्रुप ने इस 10 सीटर का नाम टाटा मोटर्स के पूर्व एमडी सुमंत मुलगावकर के नाम पर रखा गया था। उनके नाम के पहले और दूसरे के अक्षर के शुरुआती वर्ड्स का इस्तेमाल कर सुमो नाम रखा गया था। यह नाम टाटा मोटर्स के लिए काफी लकी रहा और टाटा सुमो कार जमकर बिकी थी। खासतौर पर ट्रैवल्स के मकसद के लिए और बड़ी गाड़ियों के शौकीन लोगों ने टाटा सुमो का काफी पसंद किया था। कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखने वाले टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा के कामकाज के तरीके की यह एक बानगी है।
टाटा मोटर्स ने रियर व्हील ड्राइव एसयूवी टाटा सुमो को 1994 में लांच किया। टाटा सुमो को 10 सीटर कार के रूप में लॉन्च किया गया था। इसको मिलिट्री उपयोग और ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था। टाटा सुमो को लॉन्चिंग के बाद इसे बड़ी कामयाबी मिली थी और 1997 तक एक लाख से ज्यादा सुमो कारों की बिक्री हो गई थी। फिलहाल टाटा मोटर्स दुनिया की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स में से एक है।
जेआरडी टाटा ने 1945 में टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (TELCO) की स्थापना की। इसी कंपनी को आगे चलकर टाटा मोटर्स के नाम से जाना गया। 1954 में जर्मनी बड़ी कार निर्माता डाइम्लर बेंज एजी के साथ ज्वाइंट वेंचर में टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल के निर्माण क्षेत्र में उतरी। 1998 में टाटा मोटर्स ने देश की पहली स्वदेशी कार टाटा इंडिका भी बनाई। 1998 में जेनेवा मोटर शो में टाटा मोटर्स ने टाटा इंडिका को लॉन्च किया। इसके कुछ दिन बाद इंडियन ऑटो एक्सपो में इंडिका को लांच किया गया था।
रतन टाटा को ऑटो सेक्टर में भी प्रयोग के लिए जाना जाता रहा है। उन्होंने 2008 में आम लोगों तक कार पहुंचाने के मकसद से टाटा नैनो की लॉन्चिंग की थी। हालांकि उनका यह प्रयास सफल नहीं हुआ था। टाटा मोटर्स ने बीते कुछ सालों में तेजी से विस्तार भी किया है। 2008 में फोर्ड जैगवार लैंड रोवर को टाटा मोटर्स ने खरीद लिया था। इससे पहले टाटा मोटर्स ने साउथ कोरिया के ट्रक मैन्युफैक्चरर्स डाईवो कमर्शियल व्हीकल कंपनी का 2004 में अधिग्रहण कर लिया था।
बसें भी बनाती है टाटा मोटर्स कंपनी: इसके अलावा टाटा मोटर्स मार्कोपोलो SA के साथ एक ज्वाइंट वेंचर में बसों को मैन्युफैक्चरिंग भी करती है, जो दिल्ली की सड़कों पर में टाटा मार्कोपोलो के नाम चलती दिख जाएंगी। इसके अलावा हिताची के साथ एक ज्वाइंट वेंचर में टाटा कंस्ट्रक्शन मशीनरी का भी निर्माण करती है। इतना ही नहीं टाटा मोटर्स आटोमोटिव कॉम्पोनेंट्स का भी निर्माण कर रही है इसके लिए टाटा मोटर्स फिएट क्रायसलर के साथ एक ज्वाइंट वेंचर में है।