सरकार अगले महीने बजट में एक अनुकूल टैक्स सिस्टम की घोषणा करेगी, जिससे देश में स्टार्टटप स्थापित करने को बढ़ावा मिलेगा। यह बात शनिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कही। उन्होंने यहां स्टार्टअप इंडिया सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने इंडस्ट्री के माकूल टैक्स सिस्टम पर काम किया है। कुछ ऐसी पहलें हैं जो अधिसूचना जारी कर शुरू जा सकती हैं। कुछ और पहलें हैं, जिन्हें आगे बढ़ाया जाएगा। अन्य के लिए विधायी प्रावधानों की जरूरत है जो बजट के वक्त सिर्फ वित्त विधेयक के अंग के तौर पर भी आ सकता है, ताकि स्टार्टटप इकाइयों के लिए अनुकूल टैक्स सिस्टम तैयार किया जा सके।’’
जेटली ने कहा कि स्टार्टअप इकाइयों के प्रोत्साहन की जरूरत को पहचानते हुए पिछले साल भी बजट में एक कोष का सुझाव दिया गया था। जेटली ने स्टार्टअप इकाइयों को आश्वस्त किया कि बैंकिंग प्रणाली और सरकार दोनों ही उनके लिए संसाधन उपलब्ध कराएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार स्टार्टअप के अलावा स्टैंड अप इंडिया योजना पेश करेगी जिसके तहत बैंकों की शाखाएं अनुसूचित जाति-जनजाति एवं महिला उद्यमियों को कर्ज देंगी। उन्होंने कहा, ‘‘स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री ने स्टैंडअप इंडिया योजना की घोषणा की थी। स्टैंडअप इंडिया को अलग से पेश किया जाएगा। यह एक कार्यक्रम जिसके तहत महिला उद्यमियों और अनुसूचित जाति-जनजाति के उद्यमियों के लिए बैंकों की ओर से कर्ज दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
मुंबई और महाराष्ट्र को स्टार्टअप राजधानी बनाने की पहल
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने छोटे उद्यमियों और उद्यम निवेशकों को आश्वस्त किया कि प्रधानमंत्री मुंबई और महाराष्ट्र को स्टार्टअप इकाइयों की राजधानी बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। फडणवीस ने यहां मूल निवेश और प्रवर्तन मंच का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘आपने मुझे एक लक्ष्य दिया है। आने वाले दिनों में हम महाराष्ट्र और मुंबई को स्टार्टअप की राजधानी बनाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि आज पेश किया जा रहा स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया पहल का खाका सरकार का देश के उद्यमियों के लिए नए साल का तोहफा होगा। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारतीय युवा इतना शक्तिशाली है कि उन्हें बस सिर्फ अपने विचार को वास्तविकता में बदलने के लिए थोड़ी मदद की जरूरत है।”
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