तकनीक के असर से आज कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं रह गया है। इंटरनेट और मोबाइल एप ने आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में भी ऐतिहासिक बदलाव कर दिया है। आज देश के अंदर ही असम का कोई व्यक्ति शिरडी की यात्रा करना चाहता है, तो केरल का कोई व्यक्ति कामाख्या देवी का दर्शन करना चाहता है और यह यात्रा सहजता पूर्वक परी हो जाती है। पहले इसके लिए बहुत योजना बनानी पड़ती थी। मसलन कैसे जाया जाएगा, कहां ठहरने की व्यवस्था करनी होगी। मौसम आदि को लेकर अनिश्चितता बनी रहती थी। लेकिन तकनीक और इंटरनेट की सुविधा ने इसमें क्रांतिकारी बदलाव कर दिया है। तकनीक का फायदा उठाते हुए कई ऐसे उपक्रम सफलतापूर्वक चल रहे हैं जो यात्रा के इच्छुक लोगों की परेशानी को आसान कर दिया है।
ऐसे ही एक उपक्रम, माई तीर्थ इंडिया, के संस्थापक इंद्रनील दास गुप्ता ने बताया कि धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन का बाजार 2020 में ही 44 अरब अमेरिकी डालर से भी ज्यादा का हो गया था। 2022 से 2027 के बीच हर साल 10 प्रतिशत की दर से यह बाजार बढ़ने का अनुमान है। ऐसे में इस क्षेत्र में तरह-तरह के उपक्रम शुरू हो रहे हैं और प्रतिस्पर्द्धा के चलते ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने पर भी जोर दिया जा रहा है।
इंद्रनील बताते हैं कि केवल दो लोगों से माई तीर्थ इंडिया की शुरुआत की थी। लेकिन, अब यह कारोबार तेजी से फैल रहा है इसलिए भजन सम्राट अनूप जलोटा और प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल को भी बतौर ब्रांड एंबेसडर अपने साथ जोड़ा है। इसके जरिए देश के आध्यात्मिक केंद्रों या तीर्थस्थलों पर लाइव आनलाइन पूजा, ज्योतिष,आयुर्वेदिक के उत्पाद, ऑनलाइन प्रसाद वितरण सब कुछ एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है।
कोरोना वायरस कमजोर पड़ने और कोविड संबंधी पाबंदियां हट जाने के बाद देश में आध्यात्मिक पर्यटन एक बार फिर जोर पकड़ रहा है। शिरडी, वृंदावन, अजमेर, बोध गया आदि तीर्थस्थलों की यात्रा करने वालों की संख्या बढ़ी है। यात्रा से जुड़ी सुविधाएं ऑनलाइन मुहैया कराने वाली कंपनी का कारोबार भी बढ़ने लगा है।