Share Market Crash: भारतीय शेयर मार्केट में आज (15 अप्रैल 2024) को ईरान-इजरायल के बीच चल रहे तनाव का साफ असर देखने को मिला। युद्ध के आसार के चलते सोमवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में जमकर बिकवाली हुई और इसके चलते सेंसेक्स और निफ्टी दोनों धड़ाम हो गए। शेयर मार्केट में बड़ी गिरावट के चलते निवेशकों में मायूसी छा गई। सबसे ज्यादा गिरावट मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में देखी गई। कारोबार बंद होने के समय बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 845 अंकों और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) 246 अंकों गिरावट के साथ बंद हुए।
कारोबार बंद होने के समय सेंसेक्स जहां 845.12 (1.14 प्रतिशत) की गिरावट के साथ 73,399.78 पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 50 246.90 अंक (1.10 प्रतिशत) गिरकर 22,272 पर बंद हुआ। जबकि निफ्टी बैंक भी 791.30 प्रतिशत (1.63 प्रतिशत) की गिरावट के साथ 47,773.25 पर बंद हुआ।
इससे पहले, शुक्रवार (12 अप्रैल) को सेंसेक्स 793.25 अंक और निफ्टी 234.40 अंक के नुकसान में रहा था। कुल मिलाकर दो कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 1,638 अंक यानी 2.19 प्रतिशत और निफ्टी 481 अंक यानी 2.13 प्रतिशत टूटा है।
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विश्लेषकों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की पूंजी निकासी और अमेरिका में मुद्रास्फीति अनुमान से अधिक बढ़ने से बाजार नुकसान में रहा। इसके अलावा, पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने तथा भारत-मॉरीशस कर संधि में प्रस्तावित बदलाव से भी बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
किन शेयरों को नुकसान और फायदा
सेंसेक्स के शेयरों में विप्रो, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनजर्व, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो, टेक महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ नेस्ले, मारुति और भारती एयरटेल के शेयर लाभ में रहे। एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट सूचकांक लाभ में रहा।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मिला-जुला रुख रहा। अमेरिकी बाजार वॉल स्ट्रीट शुक्रवार को नुकसान में रहा था। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनाव बढ़ने और अमेरिका में महंगाई दर अनुमान से अधिक होने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। अधिक मूल्यांकन और वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में कंपनियों की कमाई में कमी आने के अनुमान के कारण मझोली और छोटी कंपनियों के सूचकांकों में मुख्य रूप से गिरावट रही।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी तरफ यूरोपीय बाजार में शुरुआती कारोबार में सकारात्मक रुख रहा जबकि तेल के दाम में नरमी आई। बाजार प्रतिभागियों का मानना है कि राजनयिक स्तर पर जारी प्रयासों से पश्चिम एशिया में तनाव खत्म होने की उम्मीद है।’’
इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.04 प्रतिशत फिसलकर 89.51 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 8,027 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में सब्जियों, आलू, प्याज और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण थोक मुद्रास्फीति मार्च में मामूली रूप से बढ़कर 0.53 प्रतिशत हो गई, जो फरवरी में 0.20 प्रतिशत थी। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति मार्च महीने में घटकर 4.85 प्रतिशत रही जो पांच महीने का निचला स्तर है।
वहीं खनन क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन में फरवरी 2024 में वृद्धि 5.7 प्रतिशत रही जो चार महीने का उच्च स्तर है। आयकर विभाग ने शुक्रवार को कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच संशोधित दोहरा कराधान बचाव संधि में नियमों और दिशानिर्देशों को मंजूरी देना और अधिसूचित किया जाना बाकी है। दोनों देशों ने सात मार्च को दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) में संशोधन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इसमें यह तय करने के लिए ‘प्रिंसिपल पर्पज टेस्ट’… (पीपीटी) की व्यवस्था की गयी है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई विदेशी निवेशक संधि लाभों का दावा करने के लिए पात्र है या नहीं।
एजेंसी इनपुट के साथ