भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सितंबर तिमाही के लिए 13,264 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया है। कंपनी ने इस प्रॉफिट के साथ ही पिछले साल की तुलना में 74 प्रतिशत ज्यादा का मुनाफा हासिल किया है। हालांकि ब्रोकरेज फर्मों ने 10,616.2 करोड़ का ही अनुमान लगाया था। वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा ने सितंबर को समाप्त तिमाही के लिए 3,313.42 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो एक साल पहले की तुलना में 58.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
सार्वजनिक क्षेत्र के कर्जदात बैंक ऑफ बड़ौदा की शुद्ध ब्याज आय रिपोर्ट की गई तिमाही के लिए 34.5 प्रतिशत बढ़कर 10,714 करोड़ रुपये हो गई। खुदरा कर्ज में 28 प्रतिशत की वृद्धि ने सितंबर तिमाही के लिए आय में बढ़ोतरी की है। हालांकि पर्सनल लोन एक साल पहले की अवधि से दोगुने से अधिक थे। तिमाही के लिए कॉर्पोरेट ऋण में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
बीओबी की लागत जमा राशि घटी
बैंक ऑफ बड़ौदा ने 3.41 प्रतिशत का शुद्ध ब्याज मार्जिन दर्ज किया, जो पिछली तिमाही में 3.07 प्रतिशत और एक साल पहले की अवधि में 2.9 प्रतिशत से अधिक था। मार्जिन में सुधार मुख्य रूप से बैंक द्वारा कर्ज दरों में बढ़ोतरी के कारण हुआ। बैंक की कम लागत वाली जमा राशि घटकर 42.77 प्रतिशत हो गई।
SBI का कुल बैड लोन 14 प्रतिशत कम हुआ
SBI की बात करें तो इसकी सकल गैर-निष्पादित संपत्ति कुल लोन 3.52 प्रतिशत है, जो एक साल पहले 4.90 प्रतिशत थी। यह वित्त वर्ष 2022 के बाद से बैंक द्वारा रिपोर्ट किया गया सबसे कम एनपीए अनुपात है। कुल कर्ज साल-दर-साल 14 फीसदी कम हुआ और अब 1.06 लाख करोड़ रुपये हो गया है। एसबीआई ने सितंबर तिमाही के लिए अपने परिचालन लाभ में 16.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। परिचालन लाभ में वृद्धि 65.6 प्रतिशत की तेजी थी।
15 प्रतिशत बढ़ा एसबीआई का ब्याज
पिछली दो तिमाहियों के सुधार को ध्यान में रखते हुए, सबसे बड़ी भारतीय कर्जदाता की शुद्ध ब्याज आय 12.83 प्रतिशत बढ़कर 35,183 करोड़ रुपये हो गई। बैंक का ब्याज 15 प्रतिशत बढ़कर 79,859.59 करोड़ रुपये हो गया, जबकि ब्याज खर्च 44,676.15 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 38,298 करोड़ रुपये था।