रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्र के स्टेट बैंक और निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक को बैंकिंग प्रणाली के लिहाज से महत्वपूर्ण बैंक चिन्हित किया है और इनमें किसी भी प्रकार की विफलता की स्थिति में वित्तीय सेवाओं को बाधित होने से बचाने के लिये उच्च स्तरीय निगरानी व्यवस्था पर जोर दिया है।
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक तथा आईसीआईसीआई बैंक लि. को बैंकिंग प्रणाली के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बैंक (डी-सिब) घोषित किया है।’ बयान के मुताबिक, ‘डी-सिब के लिये वित्तीय प्रणाली के लिये उनसे जोखिम के आधार पर विभिन्न तथा उच्च गहनता की निगरानी व्यवस्था की जरूरत होगी।’
रिजर्व बैंक ‘कट-आफ’ स्कोर निर्धारित करेगा जिसके उपर बैंकों को डी-सिब माना जाएगा। बैंकों को चार अलग-अलग समूह में रखा जाएगा और उन्हें जोखिम भारांश संपत्ति के 0.2 प्रतिशत से 0.8 प्रतिशत के दायरे में अतिरिक्त ‘कॉमन इक्विटी टियर 1’ (सीईटी 1) पूंजी की जरूरत होगी।
यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उन्हें किस समूह में रखा गया है। रिजर्व बैंक के अनुसार अतिरिक्त सीईटी 1 की आवश्यकता जोखिम भारांश संपत्ति के प्रतिशत के रूप में एसबीआई के लिये 0.6 प्रतिशत तथा आईसीआईसीआई बैंक के लिये 0.2 प्रतिशत होगा।