कोरोना काल में लॉकडाउन या तालाबंदी की वजह से लाखों लोगों की नौकरी जा चुकी है। बीते साल से शुरू हुआ ये सिलसिला अब भी जारी है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 16 मई 2021 को समाप्त हुए हफ्ते के दौरान देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 14.5 फीसदी पर पहुंच गई, वहीं 9 मई को समाप्त सप्ताह में बेरोजगारी की दर 8.67 फीसदी थी। कहने का मतलब ये है कि हफ्ते भर में बेरोजगारी की दर करीब दोगुनी हो गई है। आंकड़े बताते हैं कि यह पिछले 49 सप्ताह का उच्चतम स्तर है। अगर यही हालात रहे तो आने वाले वक्त में बेरोजगारी की दर पिछले साल से भी ज्यादा जा सकती है।
आपको बता दें कि पिछले साल मई में बेरोजगारी की दर 21.73 फीसदी रही थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारी संख्या में मजदूर महानगरों को छोड़कर घर की ओर जा रहे हैं।
EPFO से मार्च में 11.22 लाख कर्मचारी जुड़े: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से इस साल मार्च में कुल 11.22 लाख कर्मचारी जुड़े। यह संख्या इसी साल फरवरी में ईपीएफओ से जुड़े 11.28 लाख कर्मचारियों के मुकाबले कम है। बीते वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान ईपीएफओ ने कुल 77.08 लाख नये सदस्यों को जोड़ा जबकि एक साल पहले की अवधि में यह संख्या 78.58 लाख थी।
नियमित वेतन पर रखे जाने वाले कर्मचारियों के जारी आंकड़ों (पेरोल आंकड़ा) से यह पता चलता है। यह आंकड़ा कोरोना महामारी के बीच संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति को बताता है। (ये पढ़ें-जानिए PF अकाउंट में बैलेंस चेक करने का तरीका)
तिमाही आधार पर स्थिति: वित्त वर्ष 2020-21 के पेरोल आंकड़े के तिमाही विश्लेषण से पता चलता है कि नियमित वेतन पर रखे जाने वाले कर्मचारियों की संख्या में दूसरी तिमाही से लगातार सुधार हो रहा है।
पहली तिमाही में कोरोना वायरस महामारी के कारण असर पड़ा था। बयान के अनुसार चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2021) के दौरान सर्वाधिक 33.64 लाख नये अंशधारक ईपीएफओ से जुड़े। यह तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2020) के मुकाबले 37.44 प्रतिशत ग्रोथ को बताता है। (ये पढ़ें—पीएफ अकाउंट के ये हैं 4 बड़े फायदे)