जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक इस महीने नई दिल्ली में हुई। इस बैठक में जीएसटी सुधारों को लेकर ऐलान किया गया है। जिससे मिडिल क्लास को काफी राहत मिली है। जीएसटी रिफॉर्म पर बुधवार को एक चर्चा कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि जीएसटी सुधारों (GST Reforms) ने अर्थव्यवस्था में दो लाख करोड़ रुपये डाले हैं, जिससे लोगों के पास अधिक नकदी उपलब्ध हुई है। अन्यथा यह राशि टैक्स चुकाने में चली जाती।
अर्थव्यवस्था में आए दो लाख करोड़ रुपये
जीएसटी रिफॉर्म पर एक चर्चा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स रिफॉर्म के बाद 12% जीएसटी स्लैब के तहत आने वाली 99% वस्तुओं पर 5% टैक्स लगाया गया है। इस बदलाव के परिणामस्वरूप 28% टैक्स स्लैब के तहत 90% वस्तुएं 18% स्लैब में आ गई हैं।
उन्होंने कहा, ‘इस नई पीढ़ी की टैक्स व्यवस्था, जिसमें केवल दो स्लैब ( 5% और 18%) हैं, इससे अर्थव्यवस्था में दो लाख करोड़ रुपये आए हैं। लोगों के पास ज्यादा नकदी होगी।’’
बढ़ जाएगा जीएसटी रेवेन्यू
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी रेवेन्यू 2025 में बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा, जो इसके लागू होने के समय 7.19 लाख करोड़ रुपये था। उनके मुताबिक, टैक्सपेयर की संख्या पहले के 65 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ हो गई है।
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GST reforms
इस महीने की शुरुआत में सरकार ने जीएसटी सिस्टम में सुधार लाते हुए आम आदमी को बड़ी राहत की घोषणा की। बुधवार, 3 सितंबर को जीएसटी परिषद ने टैक्स सिस्टम को सरल बनाने के उद्देश्य से व्यापक सुधारों को मंजूरी दी। जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में, चार-स्तरीय कर ढांचे को घटाकर दो स्लैब- 5% और 18% कर दिया। साथ ही 12% और 28% की दरों को खत्म कर दिया गया।
सरकार का कहना है कि इन नए बदलावों का फायदा खास तौर पर मिडिल क्लास, किसानों, MSME, युवाओं और महिलाओं को मिलेगा। बता दें कि जीएसटी में ये सुधार 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगे।
