रिलायंस रिटेल ने अपने व्‍यापार को और बढ़ाने के लिए FMCG ग्रोसरी ब्रांड के साथ जनरल ट्रेड में प्रवेश कर चुका है। कंपनी अपने सुपरमार्केट और हाइपरमार्केट, रिलायंस फ्रेश और रिलायंस स्मार्ट में बेचे जाने वाले अपने निजी लेबल ब्रांडों को सामान्य व्यापार में लेकर आ रही है। रिलायंस रिटेल ने यह कदम FMCG व्‍यवसाय में 50,000 करोड़ रुपए के कारोबार को हासिल करने के लिए उठाया है।

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस के एफएमसीजी व्‍यापार में दाल और अनाज, खाद्य तेल, आटा, सूखे मेवे, मसाले, अचार, पेस्ट, इडली डोसा बैटर, स्नैक्स जिसमें बिस्कुट, नमकीन और मिठाई, रेडी-टू-कुक भोजन, केचप, जैम, कार्बोनेटेड पेय, फलों का रस, नाश्ता अनाज, जई, मूसली, शहद, सॉस, चाय और कॉफी खाद्य क्षेत्र में शामिल हैं। वहीं फूड स्पेस में गुड लाइफ, बेस्ट फार्म, देसी किचन, स्नैक टैक, यस!, हेल्दी लाइफ, ओ सो यम, आरंभ, कैफे आदि बिजनेस शामिल हैं।

इसके अलावा, गैर-खाद्य क्षेत्र में, इसने साबुन, शॉवर जैल, हैंड वॉश, फेस वॉश, हेयर ऑयल, टैल्कम पाउडर, सैनिटाइटर, सैनिटरी पैड, डायपर, टूथपेस्ट और टूथब्रश, नेल इनेमल, लिपस्टिक, ब्यूटी एक्सेसरीज, हेयर एक्सेसरीज जैसी श्रेणियों में प्रवेश किया है। इसमें दैनिक आवश्यक वस्तुएं जिनमें नाखून कतरनी और कैंची, दुर्गन्ध शामिल हैं। इसके अलावा, पर्सनल केयर पोर्टफोलियो में गेट रियल, सेफ लाइट, पेटल्स, मदरकेयर, कैल्सीडेंट, ग्लिमर, स्लिमर, ग्रेफाइट और जिव जैसे ब्रांड भी शामिल हैं।

एक सुपर स्टॉकिस्ट के अनुसार, रिलायंस रिटेल ने पिछले दो-तीन महीनों में सुपर स्टॉकिस्ट और वितरकों को शामिल करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं है, लेकिन वे अगले महीने में आएंगे। रिलायंस रिटेल फिलहाल सुपर स्टॉकिस्ट्स को छह फीसदी का मार्जिन दे रही है। अन्य एफएमसीजी कंपनियों का मार्जिन 2.95-3 फीसदी के दायरे में है।

गौरतलब है कि देश के सबसे बड़े रिटेलर ने पिछले साल प्यूरिक इंस्टासेफ के साथ सामान्य व्यापार में प्रवेश किया था, जिसमें व्यक्तिगत स्वच्छता और घरेलू कीटाणुनाशक की एक श्रृंखला थी। हालांकि, इसके उत्पादों के नए सेट में उसी स्थान पर अन्य ब्रांड होंगे, जो अभी हाल ही में गेट रियल जैसे ब्रांडों के तहत बाजार में आए हैं, जिसमें साबुन, सैनिटाइज़र और कीटाणुनाशक स्प्रे, शॉवर जैल और फेसवॉश जैसे उत्पाद हैं और सेफ लाइफ में हैंड वॉश, हैंड जैसे उत्पाद हैं।

बता दें कि देश में बड़ी संख्या में FMCG उत्पाद मॉम-एंड-पॉप स्टोर (80 प्रतिशत से अधिक) के माध्यम से बेचे जाते हैं। शेष आधुनिक व्यापार और ई-कॉमर्स साइटों माध्यम से बेचा जाता है। अप्रैल-जून तिमाही में, रिलायंस रिटेल ने पिछले साल की तुलना में अप्रैल-जून तिमाही में शुद्ध लाभ 114.2 प्रतिशत बढ़कर 2,061 करोड़ रुपये दर्ज किया, जबकि इसका एबिट्डा 97.7 प्रतिशत बढ़कर 3,837 करोड़ रुपये हो गया। वहीं तिमाही के लिए देश के सबसे बड़े खुदरा विक्रेता का नकद लाभ 105.2 प्रतिशत बढ़कर 2,873 करोड़ रुपये हो चुका है।