वैसे तो दीवान हाउसिंग फाइनेंस (DHFL) का अधिग्रहण अजय पीरामल (Ajay Piramal) के पीरामल समूह ने किया है। लेकिन DHFL से जुड़े फ्रॉड के मामले अब भी कम नहीं हो रहे हैं।

दरअसल, दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) उसके प्रशासक ने 1,424 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के सिलसिले में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), मुंबई में अतिरिक्त हलफनामा दिया है। DHFL के प्रशासक ने कंपनी के कामकाज की जांच के लिए ग्रांट थॉर्नटन को नियुक्त किया है।

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा गया है कि प्रशासक को लेनदेन आडिटर से शुरुआती रिपोर्ट मिल गई है जिससे पता चलता है कि कुछ लेनदेन का मूल्य कम कर दिखाया गया। ये लेनदेन धोखाधड़ी वाले प्रतीत होते हैं।

बीते महीने भी आया था मामला: बीते महीने DHFL की ओर से बताया गया था कि कंपनी में 6,182 करोड़ रुपये की फर्जी लेनदेन हुई है। DHFL के मुताबिक इस धोखाधड़ी भरे लेनदेन के मौद्रिक प्रभाव को लगभग 6,182.11 करोड़ रुपये आंका गया है, जिसमें 210.85 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में हुये नुकसान के भी शामिल हैं।

पीरामल समूह ने किया है अधिग्रहण: आपको बता दें कि पीरामल समूह ने डीएचएफएल का अधिग्रहण किया है। पीरामल समूह के मुखिया अजय पीरामल (Ajay Piramal) हैं। अजय पीरामल, मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के समधी भी हैं। अजय पीरामल (Ajay Piramal) के बेटे आनंद की शादी ईशा अंबानी (Isha ambani) से हुई है। ईशा, मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की इकलौती बेटी हैं।