संसद ने रियल एस्टेट क्षेत्र के उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा करने और इस क्षेत्र के विनियमन वाले एक महत्त्वपूर्ण विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। यह विधेयक पिछले हफ्ते राज्यसभा से पारित हुआ था और मंगलवार को लोकसभा ने भी चर्चा के बाद इस पर मुहर लगा दी। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने इस विधेयक को समय की जरूरत बताया और कहा कि इससे बिल्डर और उपभोक्ता दोनों के हितों का संरक्षण होगा।
भू-संपदा (विनियमन और विकास) विधेयक, 2016 पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए नायडू ने कहा कि यह विधेयक सभी हितधारकों और संसद की समितियों में पर्याप्त अध्ययन के बाद लाया गया है। यह उपभोक्ता को ‘किंग’ बनाने वाला विधेयक है। कानून बनने के बाद बिल्डर और ग्राहक दोनों ही इसके दायरे में आएंगे।
नायडू ने कहा कि विधेयक पारित होने के बाद एक नियामक प्राधिकरण बनाया जाएगा जिसमें बिल्डर को किसी भी परियोजना की शुरुआत से पहले उसमें पंजीकरण कराना होगा और उसकी जमीन खरीदने से लेकर दूसरे सभी मंजूरी संबंधी दस्तावेजआदि का ब्योरा जमा करना होगा। यह जानकारी उपभोक्ताओं के लिए सार्वजनिक होगी और वे अपनी पसंद की परियोजना चुन सकेंगे।
उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि रियल एस्टेट क्षेत्र बढ़े। हम इस क्षेत्र के लोगों को विकास में साथ लेकर चलना चाहते हैं। इस क्षेत्र में कुछ लोग अनुचित तरीके से काम करने वाले हो सकते हैं, लेकिन अच्छे लोग भी हैं जिनकी एक साख है और जो अच्छा काम कर रहे हैं। हम उनकी अनदेखी नहीं कर सकते।’
नायडू ने कहा कि इस विधेयक को यूपीए सरकार लाई थी और उचित विचार-विमर्श व कुछ संशोधनों के बाद राजग सरकार इसे आगे बढ़ा रही है। यह विधेयक बिल्डरों के खिलाफ नहीं है, लेकिन यह सुनिश्चित करने वाला जरूर है कि वे उपभोक्ताओं से किए गए वादों को पूरा करें। वे अपने विज्ञापनों में जो सपने दिखाते हैं उन्हें असलियत में भी पूरा करें। उन्होंने कहा कि हम बिल्डरों की समस्याएं सुनने को तैयार हैं और उन्हें देश के विकास में भागीदार बनाना चाहते हैं, वे भी देश के विकास का अभिन्न हिस्सा हैं।
शहरी विकास मंत्री ने इन आशंकाओं को भी गलत बताया कि इस विधेयक से मकानों के दाम बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि इसके उलट इस क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और दामों में कमी आएगी। अन्नाद्रमुक के एक सदस्य को छोड़कर सभी दलों ने विधेयक का समर्थन किया। विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने कहा कि मौजूदा सरकार स्वीकार कर रही है कि यह विधेयक हमारी सरकार लाई थी यह अच्छी बात है।
भाजपा के प्रह्लाद पटेल ने कहा कि हर साल 10 लाख लोग घर खरीदते हैं, लेकिन अब तक उन्हें बिल्डरों के झूठे वादे समेत अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इस भू-संपदा संशोधन कानून के अमल में आने के बाद आम लोगों को काफी राहत मिलेगी। अन्नाद्रमुक के एपी मरुथराजा ने कहा कि उनकी पार्टी इस विधेयक का विरोध करती है क्योंकि यह राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप है। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि यह एक ऐसा विधेयक है जिस पर सदन एकमत है।
‘किंग’ उपभोक्ता
यह उपभोक्ता को ‘किंग’ बनाने वाला विधेयक है। अब एक नियामक प्राधिकरण बनाया जाएगा जिसमें बिल्डर को किसी भी परियोजना की शुरुआत से पहले पंजीकरण कराना होगा और जमीन खरीदने से लेकर दूसरे सभी मंजूरी संबंधी दस्तावेज आदि का ब्योरा जमा करना होगा। यह जानकारी उपभोक्ताओं के लिए सार्वजनिक होगी और वे अपनी पसंद की परियोजना चुन सकेंगे। ये आशंकाएं गलत हैं कि इस विधेयक से मकानों के दाम बढ़ेंगे। इसके उलट इस क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और दामों में कमी आएगी।
– वेंकैया नायडू, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री