अभी कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार ने आरबीआई रिटेल डायरेक्ट स्कीम को लॉन्च किया है। इस स्कीम से छोटे निवेशकों और आम आदमी को सीधे फायदा होगा। आरबीआई रिटेल डायरेक्ट स्कीम लोगों को सीधे सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करने का अवसर प्रदान करता है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने इस स्कीम को लॉन्च करते हुए कहा था कि RBI की रिटेल डायरेक्ट स्कीम छोटे निवेशकों को उनकी वित्तीय सुरक्षा के लिए सरकार के बॉन्ड मार्केट में भाग लेने में सक्षम बनाएगी। इस 21वीं सदी में, अमृत महोत्सव की अवधि देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

कैसे करें निवेश- खुदरा निवेशक ऑनलाइन पोर्टल (https://rbirtaildirect.org.in) का उपयोग करके केंद्र सरकार की सिक्योरिटीज, राज्य सरकार की सिक्योरिटीज और ट्रेजरी बिलों में न्यूनतम 10,000 रुपये का निवेश कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को सबसे पहले गिल्ट अकाउंट खोलना पड़ेगा।

यह योजना खुदरा निवेशकों को प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों बाजारों में सरकारी प्रतिभूतियों को ऑनलाइन खरीदने और बेचने का अवसर प्रदान करता है। आरबीआई के विवरण के अनुसार, ये छोटे निवेशक अब आरबीआई के साथ गिल्ट सिक्योरिटीज खाता खोलकर सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं।

ऐसे खुलेगा खाता- आरबीआई द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, एक खुदरा निवेशक आरडीजी खाता खोल सकता है। इसके लिए उसके पास बचत बैंक खाता, पैन कार्ड, कोई भी आधिकारिक वैध दस्तावेज जैसे आधार, केवाईसी के लिए वोटर आईडी, एक वैध ईमेल आईडी और एक पंजीकृत मोबाइल नंबर होना चाहिए।

खरीदने की प्रक्रिया- प्रतिभूतियों की भागीदारी एवं आवंटन अप्रतिस्पर्धी योजना के अनुसार होगी। पंजीकृत निवेशक एनडीएस-ओएम के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने या बेचने के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर सेकेंडरी बाजार ट्रांजेक्शन लिंक का उपयोग कर सकते हैं।

निवेश जोखिम- सरकारी सिक्योरिटीज में आमतौर पर कोई क्रेडिट जोखिम नहीं होता है। क्योंकि केंद्र सरकार यहां उधार लेती है। सरकारी प्रतिभूतियां पूरी तरह से जोखिम मुक्त साधन है। जी-सेक फंड में ब्याज दर का जोखिम होता है। जी-सेक फंड में निवेश करते समय, निवेशकों को इस ब्याज दर जोखिम को ध्यान में रखना चाहिए।