RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी-पॉलिसी कमेटी की बैठक कल यानी 5 दिसंबर 2025 (शुक्रवार) को खत्म हो जाएगी। जो लोग लोन लेने का विचार कर रहे हैं या पहले से लोन ले रखा है, उन लोगों को कल का काफी बेसब्री से इंतजार हैं। अब देखने होगा कि क्या कल आरबीआई रेपो रेट में बदलाव करता है या फिर रेपो रेट को पहली की ही तरह 5.50% पर स्थिर रखता है।

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आरबीआई की लाइव मीटिंग कहां देख सकते हैं?

आरबीआई एमपीसी की बैठक 3 दिसंबर को शुरू हुई और कल यानी 5 दिंसबर तक चलेगी। कल सुबह लगभग 10 बजे RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा नतीजों की घोषणा करेंगे। वहीं दोपहर 12 बजे से प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होगी। आप अगर इसे लाइव देखना चाहते हैं तो आप इसे RBI के आधिकारिक यूट्यूब चैनल, X (Twitter) और RBI की आधिकारिक वेबसाइट पर देख सकते है।

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क्रिसिल को रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद

हमारी सहयोगी फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, विश्लेषकों को ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश दिख रही है । क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा, “हमें दिसंबर में रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद है। हालांकि विकास दर मजबूत बनी हुई है, अक्टूबर में खुदरा महंगाई में उल्लेखनीय गिरावट ने इस समायोजन की अतिरिक्त गुंजाइश पैदा कर दी है।”

रेपो रेट में अब तक कितनी हुई कटौती?

RBI ने इस वर्ष अब तक रेपो रेट में 3 बार कटौती की है। RBI ने फरवरी 2025 में रेपो रेट में 0.25% की कटौती की थी, जिसके बाद रेपो रेट 6.50% से 6.25% हो गया था। अप्रैल 2025 में रेपो रेट में दोबारा 0.25% की कटौती की गई, जिसके बाद रेपो रेट 6.25% से 6% हो गया था। वहीं, जून 2025 में RBI ने रेपो रेट में 0.50% की कटौती की थी, जिसके बाद रेपो रेट 6% से 5.50% हो गया था।

RBI ने अगस्त 2025 में रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की। अक्टूबर में भी RBI ने अपने रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की है और रेपो रेट में 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। ऐसे में अब देखना होगा कि क्या RBI दिसंबर 2025 में रेपो रेट में बदलाव करता है या नहीं।

रेपो रेट में 25-50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करके 5.25% करना सही

भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट के संस्थापक लक्ष्मी वेंकटरमन वेंकटेशन ने कहा कि पिछले एक साल में अभी का रेपो रेट 5.5%, 6.5% से काफी कम हो गया है। अक्टूबर में महंगाई एक दशक में अपने सबसे निचले लेवल पर सिर्फ 0.25% थी, और होलसेल कीमतों में 1.21% की गिरावट आई है। माइक्रो और छोटे बिज़नेस को मिलने वाले लगभग 70% लोन सीधे रेपो रेट से जुड़े होते हैं, इसलिए कम रेट से उनकी उधार लेने की लागत तुरंत कम हो जाती है, बशर्ते बैंक रेट को फ़ाइनल करने के लिए मार्जिन न बढ़ाएं।

उन्होंने कहा कि फिर भी, चुनौतियां बनी हुई हैं क्योंकि माइक्रो बिजनेस अभी भी संघर्ष कर रहे हैं, खासकर महिला एंटरप्रेन्योर्स, क्योंकि उनमें से 85% को बैंक लोन लेने में रुकावटों का सामना करना पड़ता है। क्रेडिट गैप अभी भी बहुत ज्यादा है, और पॉलिसी का माहौल बेहतर होने के बावजूद, लागू करने के लेवल पर फाइनेंस तक पहुंच अभी भी मुश्किल है।

इस स्थिति को देखते हुए, रेट्स में और 25-50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करके 5.25% करना सही है और इसकी बहुत जरूरत है।