देश में हर त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस समय नवरात्रि का जोश हर तरफ देखने को मिल रहा है। दिल्ली और देशभर में 22 सितंबर से रामलीलाओं की शुरुआत हो चुकी है, जो 3 अक्टूबर तक चलेंगी। दिल्ली के व्यापारियों और उद्यमियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने रामलीलाओं पर एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 650 से अधिक छोटी-बड़ी रामलीलाओं का आयोजन हो रहा है, जिससे लगभग 1,000 करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान है। आइए जानते हैं…

छोटे कारोबारियों को मिलता है बड़ा बिजनेस

सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि नवरात्री से त्योहार का सीजन शुरू हो गया है और रामलीलाएं शुरू हो गई हैं। अगले 11 दिनों में खूब व्यापार होगा, दिल्ली में इस साल रामलीला के सीजन में 1 हजार करोड़ रुपये के बिजनेस का अनुमान है।

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उन्होंने बताया कि रामलीला के दौरान कलाकार, सिंगर, मेकअप आर्टिस्ट, टेंट, एलईडी, साउंड, लाइट, म्यूजिक, क्रेन, पोशाक, पुतले बनाने वाले, चाट-पकौड़ी खाने, झूले और खिलौने वालों आदि को कारोबार मिलता है।

उन्होंने बताया कि अर्थव्यवस्था में इसलिए रामलीलाओं का बहुत बड़ा योगदान है, लोग अपने परिवार के साथ निकलते हैं और जमकर पैसा खर्च करते हैं, रामलीलाएं भले 22 सितंबर से शुरू हुई हैं, लेकिन इनसे जुड़े लोग महीनों पहले काम शुरू कर देते हैं। किसी रामलीला कमेटी का बजट 25 करोड़ रुपए का होता है तो किसी रामलीला कमेटी का बजट 1 करोड़ रुपए का होता है।

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रामलीलाओं में हाई-टेक तकनीक और AI का इस्तेमाल

बृजेश गोयल ने बताया कि इस बार अलग-अलग रामलीलाओं में ऑपरेशन सिंदूर,रामेश्वर धाम, केदारनाथ मंदिर आदि की तर्ज पर मंच और गेट सजाए गए हैं, इस बार रामलीलाओं में हाईटैक तकनीक और AI का इस्तेमाल किया जा रहा है। वही, रामलीला आयोजक सोशल मीडिया का सहारा लेकर भी लोगों तक पहुंच बना रहे हैं।