Who is Rajiv Kumar: वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव राजीव कुमार को वित्त सचिव की पदवी दी गई है। मंगलवार (30 जुलाई, 2019) को नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें नया वित्त सचिव मनोनीत किया। समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट में आधिकारिक आदेश के हवाले से कहा गया कि पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने कुमार को नया वित्त सचिव मनोनीत करने पर मंजूरी दे दी है।
कुमार, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1984 बैच के झारखंड कैडर अधिकारी हैं और वह सुभाष चंद्र गर्ग की जगह नई जिम्मेदारी संभालेंगे, जबकि गर्ग को बिजली सचिव बनाया गया है। गर्ग पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन दे चुके हैं।
59 वर्षीय राजीव, पीएम मोदी के वित्तीय समावेशन की योजना में भी वह अहम भूमिका निभा चुके हैं, जिसके तहत प्रधानमंत्री जन धन योजना, मुद्रा लोन योजना, 59 मिनट लोन योजना (एमएसएमई क्षेत्र के लिए) आदि कुछ और स्कीमें शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, कुमार केंद्र की उस योजना का नेतृत्व कर चुक हैं, जिसके तहत बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ देना बैंक और विजया बैंक के विलय को मंजूरी दी गई थी। वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लगभग 2.11 लाख करोड़ रुपए का रीकैपिटलाइजेशन भी इन्हीं की देख-रेख में हुआ था।
बैंकिंग क्षेत्र में कई सुधारों के लिए कुमार को भी श्रेय जाता है। दरअसल, उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को रिकॉर्ड पूंजी निवेश उपलब्ध कराया है। साल 2015-16 में बैंकिंग क्षेत्र में बही खातों को साफ सुथरा बनाने की कवायद शुरू हुई थी। उसके बाद बैंकिंग सेक्टर को तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक का पूंजी निवेश मिला है।
वित्त मंत्रालय से पहले वह डिपॉर्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग में एस्टैब्लिशमेंट ऑफिसर थे। वह उस दौरान कई पहलों में सहायक रहे, जिनमें एसीसी द्वारा प्रमोशन की व्यवस्था बनाने और नियुक्ति प्रक्रिया करना शामिल है।
कौन होता है वित्त सचिव?: वित्त सचिव, इस मंत्रालय के सभी पांच विभागों- आर्थिक मामलों, राजस्व, खर्च, वित्तीय सेवाओं और निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन (डीआईपीएएम)- में सबसे वरिष्ठ नौकरशाह माना जाता है।

