रेलवे पहली बार बुलेट ट्रेन के डिपो में जलाशयों का निर्माण कराएगा ताकि वर्षा जल का संचयन किया जा सके जिसका इस्तेमाल उच्च गति वाली रेलगाड़ियों के रख-रखाव में किया जाएगा। बुलेट ट्रेन परियोजना लागू करने वाली एजेंसी एनएचएसआरसीएल ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब देश के कई हिस्से में जल संकट की समस्या खड़ी हो गई है। रेलवे योजना बना रहा है कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच उच्च गति कॉरिडोर में गुजरात के साबरमती और सूरत और मुंबई के ठाणे में बनने वाले डिपो में जलाशय का निर्माण कराया जाए ताकि पानी बाहर से नहीं लेना पड़े।

बुलेट ट्रेन परियोजना लागू करने वाले नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड की प्रवक्ता सुषमा गौड़ ने कहा, ‘‘डिपो इलाके में बनने वाले जलाशयों से डिपो के पानी की जरूरतों को पूरा किया जाएगा। इन जलाशयों में वर्षा जल संग्रहित किया जाएगा और डिपो में लग रहे जलशोधन संयंत्रों के माध्यम से इस पानी का शोधन होगा।’’

बता दें कि पिछले दिनो ही रेल राज्य मंत्री ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया था कि मुंबई से अहमदाबाद को जोड़ने वाली बुलेट ट्रेन के नेटवर्क में अन्य शहरों को भी जोड़ने को लेकर अध्ययन कराया जा रहा है। रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगाडी एक सवाल के जवाब में बताया था कि केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किमी दूरी की बुलेट रेल परियोजना को 2023 तक पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली को कोलकाता और मुंबई से जोड़ने के अलावा अन्य प्रमुख शहरों के बीच बुलेट ट्रेन चलाने के बारे में विस्तृत अध्ययन कराया जा रहा है। अध्ययन रिपोर्ट मिलने के बाद ही मंत्रालय यह तय करेगा कि किन शहरों को बुलेट ट्रेन के नेटवर्क से जोड़ा जायेगा।

भाषा के इनपुट के साथ।