पंजाब सरकार ने बुधवार को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय को अनुवांशिकी रूप से संवर्धित (जीएम) सरसों की फसल का खेत में और परीक्षण नहीं करने का निर्देश जारी किया। सामाजिक संगठनों द्वारा जीएम सरसों को लेकर चिंता जताए जाने के बाद राज्य सरकार ने यह निर्देश दिया।
पंजाब के कृषि मंत्री तोता सिंह ने आज कहा, ‘मैंने वित्तीय आयुक्त (विकास) को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय को यह निर्देश देने को कहा है कि विश्वविद्यालय जीएम सरसों की फसल का खेत में आगे परीक्षण न करे।’
उन्होंने ‘जीएम मुक्त भारत के लिए गठबंधन’ की अगुवाई में सामाजिक समूह के प्रतिनिधियों की बात सुनने के बाद यह निर्णय किया। समूह ने जीएम सरसों फसल को लेकर जैव सुरक्षा व स्वास्थ्य चिंताओं के प्रति चिंता जताई थी।
जीएम मुक्त भारत के लिए गठबंधन की सह-संयोजक कविता कुरच्च्गंति के मुताबिक, दिल्ली विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने नवंबर, 2014 से मार्च, 2015 के दौरान पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की सीधी निगरानी में लुधियाना और बठिंडा में जीएम सरसों फसल का खेत में परीक्षण किया था।
उन्होंने कहा, ‘पंजाब देश में अकेला ऐसा राज्य है जहां जीएम सरसों की फसल का खुले खेत में परीक्षण किया गया।’
मंत्री ने कहा, ‘सरसों दा साग पंजाब में एक महत्वपूर्ण व्यंजन है और हम चाहते हैं कि जीएम सरसों फसल के साथ लोगों के स्वास्थ्य पर किसी तरह का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। इसलिए, केन्द्र के स्वास्थ्य मंत्रालय को जीएम फसल को मंजूरी देने से पहले परीक्षण करना चाहिए।’